गर्मी से बची तो आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की भेंट चढ़ी फसलें , किसानों की बढ़ी मुश्किलें

मौसम में आए बदलाव से फसलों के प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। जहां सरसों और चने की कटाई और झड़ाई चल रही है, वहीं गेहूं की फसल अब पकने की कगार पर है। आंधी, ओलों व बारिश से कई इलाकों में इन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। तेज हवाओं की वजह से कई इलाकों में गेहूं की फसल गिर गई है और सरसों की फलियां टूटकर खेतों में बिखर गए हैं। वहीं बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश में आलू की खुदाई प्रभावित हुई है। हालांकि, आलू की फसल को नुकसान नहीं पहुंचा है। आम के बौरों को भी तेज हवाओं और ओलों की मार से नुकसान पहुंचा है।

गर्मी से बची तो आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की भेंट चढ़ी फसलें , किसानों की बढ़ी मुश्किलें
तेज हवाओं के चलते गिरी गेहूं की खड़ी फसल।

मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से देशभर के किसान परेशान हैं। पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर भारत के कई राज्यों में शुक्रवार और शनिवार को आंधी, बारिश और ओले गिरने से गेहूं, चना और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसे देखते हुए मौसम विभाग और पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी किया है।

इससे पहले फरवरी में तापमान में सामान्य से ज्यादा बढ़ोतरी को देखते हुए गेहूं की पैदावार प्रभावित होने की आशंका जताई जाने लगी थी लेकिन एक हफ्ते बाद ही मौसम ने करवट ली और तापमान सामान्य हो गया। इसे देखते हुए किसानों को अभी थोड़ी राहत ही मिली थी कि मार्च के पहले हफ्ते में मध्य प्रदेश में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि हो गई जिससे खेत में खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। पूरे प्रदेश में 10 फीसदी से ज्यादा नुकसान का अनुमान है। जबकि विदिशा, रायसेन जैसे जिन इलाकों में ओले गिरे थे वहां 40-50 फीसदी नुकसान का अनुमान है। इसी तरह, जनवरी में उत्तर भारत में लंबी चली शीतलहर से सरसों में पाला का प्रकोप बढ़ गया। इससे सरसों को नुकसान पहुंचा और दाने छोटे हो गए। और अब उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में मौसम का यह कहर किसानों की कमर तोड़ने वाला है। कृषि व मौसम विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि गेहूं की फसल में सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल फिलहाल कुछ समय के लिए किसान रोक दें।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते शुक्रवार और शनिवार को राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और बिहार में तेज हवाएं चली हैं, बारिश और ओले गिरे हैं। भारतीय मौसम विभाग ने 22 मार्च तक बारिश होने और तापमान में 4 डिग्री तक गिरावट का अनुमान जताया है। मौसम में आए बदलाव से फसलों के प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। जहां सरसों और चने की कटाई और झड़ाई चल रही है, वहीं गेहूं की फसल अब पकने की कगार पर है। आंधी, ओलों व बारिश से कई इलाकों में इन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। तेज हवाओं की वजह से कई इलाकों में गेहूं की फसल गिर गई है और सरसों की फलियां टूटकर खेतों में बिखर गए हैं। वहीं बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश में आलू की खुदाई प्रभावित हुई है। हालांकि, आलू की फसल को नुकसान नहीं पहुंचा है। आम के बौरों को भी तेज हवाओं और ओलों की मार से नुकसान पहुंचा है।

यूपी के कई जिलों में तेज हवाएं चली और बारिश हुई है। मौसम विभाग ने आगे भी इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान लगाया है। खासतौर से 20-21 मार्च को तेज बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने तेज बारिश का अलर्ट जिन जिलों के लिए जारी किया है उनमें नमें चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, बहराइच, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, संभल, जालौन, हमीरपुर और झांसी शामिल हैं।

राजस्थान के बीकानेर, जयपुर, भरतपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर संभाग में बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि के आसार बने हुए हैं। जबकि हरियाणा में आंधी-तूफान और बूंदाबांदी का येलो अलर्ट 18 जिलों के लिए मौसम विभाग ने जारी किया है। कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत व आसपास के क्षेत्रों में शनिवार सुबह बूंदाबांदी हुई है। गुरुवार शाम को हिसार व नारनौल के कुछ इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे हैं। ओलावृष्टि से सरसों किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि अभी वे फसल की कटाई कर रहे हैं। प्रदेश में 20 मार्च तक मौसम खराब रहने के आसार हैं। इस दौरान 30-40 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और चरखी दादरी में गरज के साथ तीन दिन तक कहीं-कहीं बारिश की संभावना जताई है। बिहार के 23 जिलों में आंधी-पानी और ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

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