खराब हर्बिसाइड बेचने वाली एचपीएम कंपनी का लाइसेंस निलंबित, तीन जिलों में एफआईआर दर्ज

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिली शिकायतों पर कार्रवाई, खरपतवार नाशक के प्रयोग से खराब हुई थी सोयाबीन की फसल

खराब हर्बिसाइड बेचने वाली एचपीएम कंपनी का लाइसेंस निलंबित, तीन जिलों में एफआईआर दर्ज

घटिया और नकली खाद व पेस्टीसाइड बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद सरकार ने एचपीएम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया है। साथ ही कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

राजस्थान सरकार ने एग्रोकेमिकल बनाने वाली इस कंपनी का उत्पादन लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। कंपनी के उत्पादों के उपयोग से मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुँचा था। सैंपल जांच में उत्पाद की मिसब्रांडिंग की पुष्टि होने के बाद यह कदम उठाया गया। यह कार्रवाई केंद्रीय कृषि मंत्री के निर्देश पर की गई है।

राजस्थान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कंपनी को जारी पत्र में कहा गया है कि आपके उत्पाद के सैंपल की जांच में मिसब्रांडिंग पाई गई है। इसके चलते कंपनी की दोनों उत्पादन इकाइयों का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है। अब कंपनी अगले आदेश तक अपने उत्पादों का उत्पादन, बिक्री और वितरण नहीं कर सकेगी। यह निर्णय केंद्रीय कृषि मंत्रालय के डायरेक्टरेट ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन, क्वॉरेंटाइन एंड स्टोरेज से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिसमें कंपनी के उत्पाद क्लोरीमुरान इथाइल की मिसब्रांडिंग की पुष्टि हुई थी। कार्रवाई इंसेक्टिसाइड एक्ट, 1968 की धारा 14 के तहत की गई है। साथ ही कंपनी के खिलाफ संबंधित धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की गई है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश के कई किसानों से शिकायतें मिली थी कि क्लोरीमुरान इथाइल 25% WP नामक खरपतवार नाशक के प्रयोग से किसानों की सोयाबीन फसलें खराब हो रही हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तुरंत कंपनी एवं डीलर्स पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद सैम्पल जब्त कर जांच की गई। नमूने घटिया पाए जाने पर मध्य प्रदेश के तीन जिलों विदिशादेवास व धार में डिफॉल्टर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही बचे हुए स्टॉक की बिक्री पर रोक लगाई गई है और डीलरों के लाइसेंस भी निलंबित कर दिए गए हैं। 

प्रभावित इलाकों में जिन डीलरों ने यह खराब गुणवत्ता वाला हर्बिसाइड बेचा था, उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि जब तक सभी जांच परिणाम नहीं आ जाते, डिफॉल्टर कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस तत्काल निलंबित किया जाए। इसके अलावा, कंपनी के पास उपलब्ध शेष स्टॉक की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। 

राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी इस कार्रवाई की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा की है।

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