उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण लघु उद्यमों के विकास के लिए करेगी 1000 करोड़ का निवेश
उत्तर प्रदेश सरकार 58,189 ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के सामान और सामग्री की खरीद करेगी। खरीद के दौरान वित्तीय नियमों का अनुपालन निर्वाचित पंचायत निकायों द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।राज्य के पंचायती राज विभाग ने पंचायतों से अपने ग्राम सचिवालय से यह कार्य करने को कहा है
लखनऊ, 27 जुलाई, 2021
नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन हंगामों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण उद्यमों से सीधे उत्पादों की खरीद के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। सरकार के इस वित्तीय पैकेज से राज्य के 75 जिलों के दूर दराज वाले इलाको में व्यापार और स्वरोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
इस ब्ल्यूप्रिंट के तहत उत्तर प्रदेश सरकार 58,189 ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामान और सामग्री की खरीद करेगी। खरीद के दौरान वित्तीय नियमों का अनुपालन निर्वाचित पंचायत निकायों द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।राज्य के पंचायती राज विभाग ने पंचायतों से अपने -अपने ग्राम सचिवालय से यह कार्य करने को कहा है । इसके लिए अपने ग्राम सचिवालय कर्यालय अब फर्नीचर, कंप्यूटर, इंटरनेट, सौर ऊर्जा सामग्री इत्यादि से लैस होंगे।
इस बीच, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि ग्राम सचिवालयों के लिए फर्नीचर और उपकरणों की खरीद स्थानीय स्तर पर पंचायतों द्वारा की जाएगी । इस प्रकार ब्लॉक या जिला स्तर पर किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नही होगा । यह सुनिश्चित किया गया है कि इससे अर्जित आय का इस्तेमाल केवल स्थानीय उद्यमों में निवेश किया जाएगा । सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए कुर्सियों, मेजों,अलमारी, सोलर पैनल, कालीन, पंखे, कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरा आदि की खरीद के लिए एक लाख 75 हजार रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है ।
एक सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा, "कुल मिलाकर, राज्य की सभी ग्राम पंचायतों पर राज्य को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा।"जबकि 33,577 गांवों में पहले से ही पंचायत ब्लॉकों का निर्माण किया जा रहा है और शेष 24,617 पंचायत भवन का भी निर्माण जल्द शुरू होगा । इनमें से 2,088 पंचायत भवनों का निर्माण राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत और 22,529 पंचायत भवनों का निर्माण वित्त आयोग और मनरेगा के तहत किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि निर्माणाधीन पंचायत भवनों के निर्माण अगले तीन महीनों में पूरा होने की संभावना है।
( वीरेंद्र सिंह रावत, लखनऊ में कार्यरत जर्नलिस्ट हैं। वह इकोनॉमी, बजट, एग्रीकल्चर और समसामयिक विषयों पर लिखते हैं।)

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