कोऑपरेटिव के जरिये बनेंगे 10 हजार भंडारण गृह, पैक्स हुए चिन्हित

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुताबिक, विकेंद्रित अन्न भंडारण केंद्र बनाने के लिए शुरुआती तौर पर 10 हजार पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा पैक्स का मॉडल बायलॉज सभी राज्यों को भेजा गया है। 17 राज्यों ने इस बायलॉज को स्वीकार कर लिया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार ने “सहकार से समृद्धि” का नारा दिया है और दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में कोऑपरेटिव के जरिये भंडारण गृह बनाए जाएंगे।

कोऑपरेटिव के जरिये बनेंगे 10 हजार भंडारण गृह, पैक्स हुए चिन्हित
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)।

सहकारी समितियों (कोऑपरेटिव) को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुताबिक, विकेंद्रित अन्न भंडारण केंद्र बनाने के लिए शुरुआती तौर पर 10 हजार पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा पैक्स का मॉडल बायलॉज सभी राज्यों को भेजा गया है। 17 राज्यों ने इस बायलॉज को स्वीकार कर लिया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार ने “सहकार से समृद्धि” का नारा दिया है और दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में कोऑपरेटिव के जरिये भंडारण गृह बनाए जाएंगे। इससे न सिर्फ पैक्स को मजबूती मिलेगी और कोऑपरेटिव के लिए बड़े मौके उपलब्ध होंगे बल्कि बड़े पैमाने पर अनाजों की बर्बादी भी रूकेगी।

इफको नैनो (तरल) डीएपी की लॉन्चिंग के मौके पर मीडिया से बातचीत में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि विकेंद्रित भंडारण गृह बनाने के लिए 10 हजार पैक्स की पहचान कर ली गई है। रूरल वॉयस द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या भंडारण गृह बनाने और योजना के कार्यान्वयन के लिए कोई समय सीमा तय की गई है, उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी योजना के लिए कोई तय समय नहीं है लेकिन जैसे-जैसे चीजें आगे बढ़ती जाएंगी योजना का क्रियान्वयन होता जाएगा। साथ ही और पैक्सों को चिन्हित किया जाता रहेगा।

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अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के सबसे पहले प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करना पड़ेगा। इसके लिए अगले 5 साल में देश के उन 2 लाख पंचायतों में नए मल्टीडाइमेंशनल पैक्स बनाए जाएंगे जहां अभी पैक्स नहीं हैं। इनके लिए डेयरी, मछुआरा कोऑपरेटिव, किसानों को कृषि कर्ज देने की व्यवस्था, इफको डीलरशिप, सस्ते अनाज की दुकान, कॉमन सर्विस सेंटर, जल व्यवस्थापन समिति जैसे 32 प्रकार के अलग-अलग काम निर्धारित होंगे। अभी देश में करीब 85 हजार पैक्स हैं जिनमें से 63 हजार बेहतर संचालन की स्थिति में हैं। बाकी को पुनर्जीवित किया जाएगा। मॉडल बायलॉज में इसके लिए प्रावधान किया गया है।

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उन्होंने बताया कि मल्टीडाइमेंशनल पैक्स के तहत विविध उपयोगी, मछुआरा, आर्थिक रूप से किसानों को कर्ज देने वाली और डेयरी, चारों तरह की पैक्स एक ही पैक्स में समाहित हो जाएंगी। इससे वे जीवंत हो जाएंगी और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देश के करीब 80 फीसदी लोग सहकारिता से जुड़े हुए हैं। हम इसे सही अर्थ में बहु-आयामी बनाने जा रहे हैं।   

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