एथेनॉल को टिकाऊ समुद्री ईंधन के रूप में बढ़ावा देने के लिए IFGE और ग्लोबल एथेनॉल एसोसिएशन के बीच समझौता
IFGE ने एथेनॉल को टिकाऊ हरित ईंधन के रूप में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्लोबल एथेनॉल एसोसिएशन (GEA) के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का मुख्य फोकस समुद्री क्षेत्र में एथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही वैश्विक स्तर पर ज्ञान को साझा करने और बाजार के विकास के माध्यम से सड़क परिवहन और विमानन में भी एथेनॉल के उपयोग का विस्तार करना है।
इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (IFGE) ने ग्लोबल एथेनॉल एसोसिएशन (GEA) के साथ एथेनॉल को एक सतत हरित ईंधन के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल का मुख्य फोकस समुद्री क्षेत्र पर है। साथ ही ऑटोमोबाइल और नागरिक उड्डयन में इसके उपयोग को भी शामिल किया गया है।
इस MoU पर औपचारिक रूप से IFGE के महानिदेशक संजय गंजू और GEA के महासचिव मॉर्टन जैकब्सन ने हस्ताक्षर किए। यह जैव-ऊर्जा और हरित ईंधन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से IFGE और GEA का उद्देश्य एथेनॉल को एक व्यवहार्य समुद्री ईंधन के रूप में तेजी से अपनाने को बढ़ावा देना है, जिससे शिपिंग क्षेत्र में वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों को समर्थन मिले, साथ ही नवाचार, पॉलिसी एडवोकेसी और बाजार विकास को भी प्रोत्साहन मिले। यह सहयोग सड़क परिवहन और विमानन क्षेत्र में भी एथेनॉल के प्रयोग को बढ़ावा देगा, ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सके और हरित तथा जैव-ऊर्जा अपनाने को आगे बढ़ाया जा सके।
समझौते के तहत, जीईए (GEA) एथनॉल और समुद्री ईंधन के रूप में उसके उपयोग से जुड़ी अपनी वैश्विक विशेषज्ञता साझा करेगा। इसके अंतर्गत शोध प्रकाशनों, तकनीकी रिपोर्टों और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुंच शामिल होगी। इस साझेदारी के तहत आईएफजीई, जीईए के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथनॉल आधारित हरित ऊर्जा समाधानों के बाजार विकास की संभावनाओं और व्यवहार्यता का आकलन करेगा।
एमओयू पर टिप्पणी करते हुए, आईएफजीई की बायोएनर्जी समिति के अध्यक्ष और प्राज इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अतुल मुले ने कहा कि यह सहयोग एथनॉल के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार संपर्क विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेष रूप से समुद्री ईंधन जैसे उभरते उपयोग क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी आईएफजीई के सदस्यों और एथनॉल वैल्यू चेन में कार्यरत भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसरों और वैश्विक बाजारों के द्वार खोलेगी।
जीईए के महासचिव मॉर्टन जैकबसेन ने कहा कि यह साझेदारी वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन को आगे बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक क्षण है। जैकबसेन ने कहा कि यह सहयोग न केवल अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को मजबूत करेगा, बल्कि समुद्री परिवहन, नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन में दुनिया भर में स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की ओर संक्रमण को भी तेज करेगा।

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