एफसीआई की ई-नीलामी के 15वें दौर में 1.89 लाख टन गेहूं और 5000 टन चावल की हुई बिक्री

गेहूं और चावल की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और घरेलू कीमतों को निंयत्रित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल की बिक्री ई-नीलामी के जरिये कर रहा है। बुधवार को आयोजित ई-नीलामी के 15वें दौर में कुल 2,255 बोलीदाताओं को 1.89 लाख टन गेहूं और 5000 टन चावल की बिक्री की गई।

एफसीआई की ई-नीलामी के 15वें दौर में 1.89 लाख टन गेहूं और 5000 टन चावल की हुई बिक्री

गेहूं और चावल की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और घरेलू कीमतों को निंयत्रित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल की बिक्री ई-नीलामी के जरिये कर रहा है। बुधवार को आयोजित ई-नीलामी के 15वें दौर में कुल 2,255 बोलीदाताओं को 1.89 लाख टन गेहूं और 5000 टन चावल की बिक्री की गई। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है।

बयान के मुताबिक, बुधवार की ई-नीलामी में देशभर के 481 डिपो से 2.01 लाख टन गेहूं और 264 डिपो से 4.87 लाख टन चावल की पेशकश की गई। चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप की केंद्र सरकार की पहल के तहत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती है। ई-नीलामी में गेहूं और चावल दोनों के लिए 2447 सूचीबद्ध खरीदारों ने भाग लिया।

एफएक्यू गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2150 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले भारित औसत विक्रय मूल्य 2185.05 रुपये प्रति क्विंटल रहा। वहीं यूआरएस गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल की तुलना भारित औसत बिक्री मूल्य 2193.12 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। इसी तरह, 2932.83 रुपये प्रति क्विंटल आरक्षित मूल्य के मुकाबले चावल का भारित औसत विक्रय मूल्य 2932.91 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

ई-नीलामी की वर्तमान श्रृंखला में खरीदार गेहूं के लिए 10-100 टन तक की और चावल के लिए 10-1000 टन तक की बोली लगा सकते हैं। यह निर्णय छोटे और सीमांत अंतिम उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि अधिक से अधिक खरीदार बोली में शामिल हो सकें और अपनी पसंद के डिपो से चावल या गेहूं के लिए बोली लगा सकें।

स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है। ओएमएसएस के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों पर नियमित जांच किया जा रहा है। देशभर में 4 अक्टूबर तक 1229 जांच-पड़ताल की गई है।

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