फिर सक्रिय होगा मानसून: दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वी भारत में भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि गुरुवार से अगले चार दिनों तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में मानसून की गतिविधियां तेज होंगी, जिसके चलते कर्नाटक में कहीं-कहीं भारी से अति भारी और कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है।

देश में मानसून की दो सप्ताह की निष्क्रियता के बाद एक बार फिर सक्रिय हो रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि गुरुवार से अगले चार दिनों तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में मानसून की गतिविधियां तेज होंगी, जिसके चलते कर्नाटक में कहीं-कहीं भारी से अति भारी और कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। शुक्रवार से तीन दिनों तक कोकण और गोवा में भी तेज मानसूनी बारिश होने की संभावना है।
उत्तर भारत में 15 जून तक भीषण गर्मी और लू चलने की संभावना जताई गई है। हालांकि, 13-15 जून के बीच उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिमी भारत के इलाकों में बारिश होने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मानसून ने 24 मई को केरल में समय से 8 दिन पहले दस्तक दी थी, जो 2009 के बाद मानसून की सबसे जल्दी शुरुआत थी। इसके बाद मानसून लगभग दो सप्ताह तक निष्क्रिय रहा। अब मानसून दोबारा सक्रिय होता दिख रहा है। सोमवार की दोपहर बंगाल की खाड़ी में बादलों का घनत्व बढ़ता दिखा, जो मानसून की निष्क्रियता समाप्त होने का संकेत माना जा रहा है।
बंगाल की खाड़ी में परिसंचरण के प्रभाव से सोमवार सुबह तक मराठवाड़ा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी से अति भारी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा गोवा, तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक, उत्तरी कर्नाटक, तेलंगाना और रायलसीमा में भी भारी बारिश हुई।
लो प्रेशर और पश्चिमी विक्षोभ का असर
बंगाल की खाड़ी में बनने वाली प्रणाली और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अगले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में बारिश की संभावना है, जिससे खेती-किसानी को राहत मिलने की उम्मीद है। सोमवार को मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, सैंडहेड द्वीप और बालुरघाट से होकर गुजर रही थी। आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी में एक सर्कुलेशन बनने की संभावना है, जिससे मानसून आगे बढ़ेगा।
वर्तमान में ईरान-अफगानिस्तान सीमा के पास एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो लगभग उत्तरी अरब सागर तक फैला हुआ है। इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और ओडिशा तथा दक्षिणी पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवातीय परिसंचरण भी सक्रिय है। यह परिसंचरण दक्षिण की ओर बढ़ते विक्षोभ से मिलकर एक ‘लो प्रेशर’ प्रणाली का निर्माण कर सकता है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
बुधवार से तीन दिनों तक मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मध्यम वर्षा की संभावना है। वहीं सोमवार से पांच दिनों तक विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बुधवार से बिहार में भी वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा। झारखंड में मंगलवार से चार दिनों तक बारिश हो सकती है। विदर्भ (बुधवार), छत्तीसगढ़ (तीन दिन) और बिहार (बुधवार व गुरुवार) में गरज-चमक और आंधी की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही पश्चिम बंगाल व सिक्किम के पहाड़ी इलाकों और ओडिशा में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।