किसान 11 दिसंबर को विजय दिवस मनाएंगे

दिल्ली की सीमा पर एक साल से अधिक समय से चला आ रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया है. संयुक्त किसान मोर्चा और मोदी सरकार के बीच समझौता हो गया है। 378 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन स्थगित हो गया है, किसान 11 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाएंगे । उस दिन किसान विजय रैलियां निकाल कर मोर्चा स्थलों को एक साथ छोड़  घर लौटेंगे

किसान 11 दिसंबर को विजय दिवस मनाएंगे

नई दिल्ली.9 दिसंबर ,2021

दिल्ली की सीमा पर एक साल से अधिक समय से चला आ रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा और मोदी सरकार के बीच समझौता हो गया है। 378 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन स्थगित हो गया है, किसान 11 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाएंगे । उस दिन किसान विजय रैलियां निकाल कर मोर्चा स्थलों को एक साथ छोड़ घर लौटेंगे। पहले शुक्रवार यानी 10 दिसंबर को विजय दिवस मनाने की योजना थी, लेकिन हेलीकॉप्टर कैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों के निधन के कारण योजना बदल गई थी। अब शहीदों का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। अगले दिन यानी शनिवार को किसान विजय दिवस मनाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी एक बयान में यह बातें कही गई हैं।

भारत सरकार की तऱफ से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव के माध्यम से, संयुक्त किसान मोर्चा को एक औपचारिक पत्र भेजने के बाद  वर्तमान संयुक्त किसान मोर्चा  की तऱफ से घोषणा कर दी है। किसान आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इसके बाद  संयुक्त किसान मोर्चा  ने  कहा है अपने प्रेस वार्ता में कहा है कि किसानों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिएऔर  एमएसपी के कानूनी अधिकार को सुरक्षित करने के लिए सघर्ष जारी रहेगा ।

किसानों के मुताबिक वह इसे आंदोलन स्थगित करना बता रहे हैं क्योंकि किसान संयुक्त मोर्चा उन प्रस्तावों की समीक्षा करेगा जिन्हें अभी तक पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है. यदि किसानों की मांगें लंबे समय तक लंबित रहीं तो आंदोलन फिर से शुरू हो जाएगा।

एसकेएम ने कहा है कि किसानों की एकता, शांति और धैर्य इस संघर्ष में जीत की कुंजी रही है और इसे किसी भी परिस्थिति में खत्म नहीं होने दिया जाएगा, जब तक सरकार ने जो वादा किया जाय  सुनिश्चित ना हो जाय।

एसकेएम का कहना है कि किसान जिन बातों का विरोध कर रहे किसानों की कई लंबित मांगों पर सहमति व्यक्त की गई इसके जवाब में दिल्ली सीमाओं पर राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य स्थानों पर चल रहे विभिन्न मोर्चों को हटा रहे हैं। एसकेएम ने अपनी इस ऐतिहासिक जीत को लखीमपुर खीरी सहित आंदोलन के लगभग 715 शहीदों को समर्पित करते हुए  किसानों और नागरिकों और अपने समर्थन के लिए आभार जाताया है।

भारत सरकार विरोध कर रहे किसानों से की गई अपनी वादा को पूरा कर रही है और भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए, एसकेएम की अगली बैठक 15 जनवरी को दिल्ली में आयोजित की जाएगी। एसकेएम लंबे आंदोलन के दौरान धैर्य और समर्थन के लिए मोर्चा स्थलों के स्थानीय निवासियों को धन्यवाद देता है और उन्हें हुई असुविधाओं के लिए माफी चाहता है। एसकेएम इस आंदोलन में किसानों के साथ संघर्ष करने वाले  सभी राष्ट्रीय सगठनों,  सहित विभिन्न प्रगतिशील संगठनों जो समर्थन में खड़े थे,  और सैकड़ों स्वयंसेवकों जिन्होंने अपनी सेवा देकर भाग लिया, और अन्य शुभचिंतकों को भी धन्यवाद दिया

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