एफसीआई में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगीः पीयूष गोयल

सीबीआई की एफआईआर के तहत निजी मिलर के गोदामों से आने वाले हर ट्रक से 1000 से 4000 रुपये की रिश्वत ली जाती थी। इसके एवज में मिलर खराब क्वालिटी का अनाज सप्लाई करते थे। इसके अलावा अधिकारी मिलर को अन्य सहूलियत में भी देते थे। रिश्वत की रकम निचले स्तर से लेकर मुख्यालय तक हर स्तर के अधिकारियों तक पहुंचती थी, सबका हिस्सा उस रिश्वत में तय होता था

एफसीआई में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगीः पीयूष गोयल

खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने चेतावनी दी है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। अपनी बात को मजबूती से रखते हुए उन्होंने एफसीआई में तथाकथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का हवाला भी दिया। गोयल शनिवार को नई दिल्ली में निगम के 59वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। अनाज खरीद और वितरण के लिए एफसीआई सरकार की नोडल एजेंसी है। 

खाद्य मंत्री ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि निगम में एक भी भ्रष्ट कर्मचारी ना रहे। उन्होंने अधिकारियों से ऐसी व्यवस्था बनाने को कहा जहां व्हिसलब्लोअर को पुरस्कृत किया जाए। उन्होंने कहा कि निगम के किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी को कहीं अगर भ्रष्टाचार दिखता है तो उसे उसकी शिकायत करनी चाहिए। गोयल ने कहा कि एफसीआई की पूरी व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। इसमें राशन दुकान के डीलर भी शामिल हैं। हाल में निगम में पकड़े गए भ्रष्टाचार के मामलों को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 11 जनवरी को ऑपरेशन कनक के तहत एफसीआई में तथाकथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू की। इसके तहत पंजाब, हरियाणा दिल्ली में 50 जगहों पर तलाशी ली गई। चंडीगढ़ से डीजीएम स्तर के एक अधिकारी को गिरफ्तार भी किया गया। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए 74 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी 6 महीने से अंडरकवर ऑपरेशन के तहत तहकीकात कर रही थी। इस दौरान कई संदिग्ध अधिकारियों, चावल मिल मालिकों और बिचौलियों के खिलाफ छानबीन की गई।

गोयल ने कहा कि एफसीआई में बदलाव फास्ट ट्रैक मोड में होना चाहिए ताकि संस्थान देश के लोगों और किसानों की मदद जारी रख सके। उन्होंने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव को एफसीआई तथा केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) में बदलाव की निगरानी करने का भी निर्देश दिया। सचिव हर हफ्ते इसका लेखा-जोखा लेंगे और हर पखवाड़े मंत्री को इसके बारे में जानकारी देंगे।

खाद्य मंत्री ने कहा कि जो अधिकारी बदलाव की इस प्रक्रिया में सहयोग नहीं करेंगे अथवा जानबूझकर देरी करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य आपूर्ति प्रणाली चलाने के लिए एफसीआई की सराहना भी की, विशेष तौर से कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज वितरण के लिए।

उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद देश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया। खाद्य सुरक्षा, आर्थिक मजबूती और महंगाई नियंत्रित करने तथा अन्य मामलों में भारत ने दुनिया के सामने नजीर पेश की है। उन्होंने कहा कि इस साल चावल खरीद के आंकड़े अच्छे हैं। साथ ही उन्होंने मौजूदा रबी सीजन में गेहूं की भी अच्छी खरीद की उम्मीद जताई। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने एफसीआई के सीएमडी अशोक मीणा को निगम में भ्रष्टाचार दूर करने और लोगों को एक सक्षम तथा पारदर्शी सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। 

सीबीआई की एफआईआर के तहत निजी मिलर के गोदामों से आने वाले हर ट्रक से 1000 से 4000 रुपये की रिश्वत ली जाती थी। इसके एवज में मिलर खराब क्वालिटी का अनाज सप्लाई करते थे। इसके अलावा अधिकारी मिलर को अन्य सहूलियत में भी देते थे। रिश्वत की रकम निचले स्तर से लेकर मुख्यालय तक हर स्तर के अधिकारियों तक पहुंचती थी, सबका हिस्सा उस रिश्वत में तय होता था।

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