कौन-से उत्पाद कहलाएंगे ‘चाय’, FSSAI ने जारी किया स्पष्टीकरण
खाद्य नियामक FSSAI ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि केवल Camellia sinensis पौधे से प्राप्त उत्पादों को ही कानूनी रूप से “चाय” के रूप में लेबल किया और बेचा जा सकता है। कैमेलिया साइनेंसिस से इतर किसी भी पौधे से बनी हर्बल या प्लांट-आधारित इन्फ्यूजन और ब्लेंड को “चाय” नहीं कहा जा सकता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने विभिन्न उत्पादों को ‘चाय’ के रूप में ब्रांडिंग या बिक्री किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। खाद्य नियामक ने कहा है कि देश में केवल कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) पौधे से प्राप्त उत्पादों को ही “चाय” के रूप में लेबल किया और बेचा जा सकता है। Camellia sinensis से इतर किसी भी अन्य प्लांट-आधारित या हर्बल इन्फ्यूजन अथवा ब्लेंड के लिए “चाय” शब्द का इस्तेमाल भ्रामक है और यह खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिसब्रांडिंग की श्रेणी में आता है।
24 दिसंबर 2025 को जारी आधिकारिक स्पष्टीकरण में FSSAI ने कहा कि उसके संज्ञान में आया है कि कई खाद्य व्यवसाय संचालक (FBOs) “हर्बल टी”, “फ्लावर टी” और “रूइबोस टी” जैसे उत्पाद बेच रहे हैं, जबकि ये कैमेलिया साइनेंसिस से प्राप्त नहीं होते। नियामक के अनुसार, इस तरह का उपयोग भ्रामक है और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत मिसब्रांडिंग माना जाएगा। कैमेलिया साइनेंसिस से इतर किसी भी उत्पाद के लिए “चाय” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
FSSAI ने स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योज्य) विनियम, 2011 के तहत “चाय” शब्द, जिसमें ग्रीन टी, कांगड़ा टी और ठोस रूप में इंस्टेंट टी भी शामिल हैं, विशेष रूप से कैमेलिया साइनेंसिस से बने उत्पादों के लिए आरक्षित है। इसके अलावा, लेबलिंग नियमों के अनुसार प्रत्येक पैकेट पर खाद्य पदार्थ की वास्तविक प्रकृति को स्पष्ट रूप से दर्शाने वाले नाम का उल्लेख अनिवार्य है।
प्राधिकरण ने जोर देकर कहा कि कैमेलिया साइनेंसिस से इतर किसी भी पौधे से बनी हर्बल या प्लांट-आधारित इन्फ्यूजन और ब्लेंड को “चाय” नहीं कहा जा सकता। उनकी संरचना के आधार पर ऐसे उत्पाद या तो प्रोप्राइटरी फूड की श्रेणी में आ सकते हैं या गैर-निर्दिष्ट खाद्य एवं खाद्य अवयवों के लिए स्वीकृति संबंधी नियमों के तहत मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है।
FSSAI ने सभी FBOs, जिनमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं, को निर्देश दिया है कि वे नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें और कैमेलिया साइनेंसिस से इतर किसी भी उत्पाद के लिए “चाय” शब्द का उपयोग न करें। राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और क्षेत्रीय निदेशकों को अनुपालन की कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं, तथा उल्लंघन की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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