खाद्य तेल मिशन के तहत 21 राज्यों में खेती, किसानों को निशुल्क बीज, 100 प्रतिशत होगी खरीद: कृषि मंत्री
खाद्य तेलों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनने और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत देश के तिलहन उत्पादन वाले राज्यों में तिलहन की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) किसानों के लिए उन्नत किस्मों के बीज विकसित करेगा, जो किसानों को निशुल्क दिए जाएंगे
खाद्य तेलों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनने और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत देश के तिलहन उत्पादन वाले राज्यों में तिलहन की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) किसानों के लिए उन्नत किस्मों के बीज विकसित करेगा, जो किसानों को निशुल्क दिए जाएंगे। यह बात केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। कृषि मंत्री राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की जानकारी दे रहे थे, जिसे गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन 10,103 करोड़ रुपये के बजट के साथ 2024-25 से 2030-31 तक सात साल की अवधि में लागू किया जाएगा। मिशन का उद्देश्य रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी मुख्य तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाना है। इसके साथ ही कपास के बीज, चावल की भूसी और पेड़ों से मिलने वाले तेलों का सही उपयोग और संग्रह करना भी शामिल है। मिशन का लक्ष्य तिलहन उत्पादन को 2022-23 के 39 मिलियन टन से बढ़ाकर 2030-31 तक 69.7 मिलियन टन करना है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश में 2022-23 में खाद्य तेलों की आवश्यकता 29.2 मिलियन टन थी, लेकिन देश में तिलहन से जो उत्पादन होता है वह 12.7 मिलियन टन ही है। जिस वजह से मांग को पूरा करने के लिए हमें विदेशों पर या आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इसे देखते हुए कल एक बड़ा फैसला लिया गया है की अब आयात पर निर्भरता खत्म कर देश को तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की शुरुआत की है। जिस पर 10,103 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में कल कैबिनेट की बैठक में ₹10,103 करोड़ की लागत के राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी गई है।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) October 4, 2024
देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ाने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण… pic.twitter.com/fXIsJWoGNf
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश में ऑयल सीड्स (तिलहन) का उत्पादन काफी कम होता है। इसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि आईसीएआर सर्टिफाइड बीज बनाकर किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि मिशन के तहत 600 क्लस्टर पूरे देश में बनाए जाएंगे। 21 राज्यों के 347 जिलों में जहां भी ऑयल सीड्स का उत्पादन होता है, ऐसे क्षेत्रों को इन मिशन के तहत विषेश रूप से शामिल किया गया है। किसानों को इन क्लस्टरों में फ्री में ट्रेनिंग और नई तकनीकों की जानकारी भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी उत्पादन होगा उसकी 100 प्रतिशत खरीद की जाएगी और किसानों को कई तरह की सुविधाएं इस मिशन के तहत दी जाएंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की खेती की जाएगी। किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए 35 नए बीच केंद्र बनाए जाएंगे। इससे देश में बीच केंद्रों की संख्या 100 हो जाएगी। अभी देश में 35 बीज केंद्र सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि जो भी बीज बनेंगे उन्हें सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडार इकाइयां भी बनाई जाएंगी। साथ ही उत्पादन के लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

Join the RuralVoice whatsapp group















