सरकारी गोदामों में चावल का रिकॉर्ड भंडार, गेहूं चार साल के उच्च स्तर पर
अगले महीने से खरीफ सीजन की धान की फसल मंडियों में आनी शुरू होगी। पहले से सरकारी गोदामों में रिकॉर्ड स्टॉक से सरकारी एजेंसियों के सामने भंडारण की चुनौती खड़ी हो सकती है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सरकारी गोदामों में चावल और गेहूं का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। चावल का स्टॉक पिछले वर्ष की तुलना में 14% से अधिक बढ़कर अब तक के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया है, जबकि गेहूं का भंडार चार साल के उच्च स्तर पर है।
अगले महीने से खरीफ सीजन की धान की फसल मंडियों में आनी शुरू होगी। पहले से सरकारी गोदामों में रिकॉर्ड स्टॉक से सरकारी एजेंसियों के सामने भंडारण की चुनौती खड़ी हो सकती है।
चावल का भंडार
1 सितंबर को सरकारी भंडार में चावल का कुल भंडार 4.82 करोड़ टन रहा, जो सरकार के 1 जुलाई के लक्ष्य 1.35 करोड़ टन से कई गुना अधिक है। चावल की यह प्रचुर उपलब्धता न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि निर्यात को भी बढ़ावा देगी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है। चालू वर्ष में भारत का चावल निर्यात करीब 25% बढ़कर रिकॉर्ड 2.25 करोड़ टन तक पहुंच सकता है।
धान की बुवाई
सरकारी गोदामों में चावल के रिकॉर्ड भंडार के अलावा इस साल खरीफ सीजन में धान की बुवाई का रकबा 12 सितंबर तक लगभग 2 फीसदी बढ़कर 438 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया है। यह धान बुवाई के सामान्य क्षेत्र 403 लाख हेक्टेयर से करीब 35 लाख हेक्टेयर अधिक है। हालांकि, पंजाब समेत कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से धान की फसल को नुकसान पहुंचा है।
गेहूं का भंडार
वहीं गेहूं का सरकारी स्टॉक 3.33 करोड़ टन तक पहुंचा गया है, जो सरकार के 2.76 करोड़ टन के लक्ष्य से काफी अधिक है। पर्याप्त गेहूं भंडार से सरकार त्योहारों के मौसम में कीमतों पर काबू पाने के लिए खुले बाजार में अनाज जारी कर सकेगी। गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता के चलते महंगाई पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी।