डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती से होगी सालाना 11,400 करोड़ रुपये की बचत
भारत के डेयरी उद्योग के दिग्गजों ने प्रमुख डेयरी उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक सुधार बताया है जिससे करोड़ों किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। उनका कहना है कि इससे सालाना 11,400 करोड़ रुपये की बचत होगी।

भारत के डेयरी उद्योग के प्रमुखों ने डेयरी उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती के फैसले का स्वागत किया है और इसे एक ऐतिहासिक सुधार बताया है। उनका कहना है कि इससे करोड़ों किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा और इससे सालाना 11,400 करोड़ रुपये की बचत होगी। पनीर जैसे प्रमुख खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर शून्य प्रतिशत और घी, मक्खन, पनीर और आइसक्रीम पर जीएसटी दर घटाकर 5% कर दिए जाने के बाद, अमूल, मदर डेयरी और हेरिटेज फूड्स जैसी कंपनियों ने कहा है कि इस कदम से उपभोक्ता कीमतें कम होंगी, किसानों की आय बढ़ेगी और संगठित डेयरी क्षेत्र को बल मिलेगा।
अमूल (Amul) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा, "हम निश्चित रूप से उपभोक्ता से मिलने वाले राजस्व में उत्पादकों की हिस्सेदारी को और बढ़ाएंगे। इससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।" उन्होंने कहा कि इस कटौती के बाद अमूल का आधा कारोबार शून्य प्रतिशत जीएसटी श्रेणी में आएगा, जबकि शेष पर 5% कर लगेगा। मेहता के अनुसार जीएसटी संरचना में बदलाव से किसानों की आय में सुधार होगा और साथ ही मांग में भी वृद्धि होगी।
इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व प्रबंध निदेशक आर. एस. सोढ़ी ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, "हम सभी प्रमुख डेयरी उत्पादों पर जीएसटी कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद के आभारी हैं। इस बदलाव से लगभग 8 करोड़ किसानों और 145 करोड़ उपभोक्ताओं को लाभ होगा। इससे सालाना 11,400 करोड़ रुपये की बचत होगी।"
पनीर, चीज, घी, मक्खन, यूएचटी दूध, दूध आधारित पेय पदार्थ और आइसक्रीम सहित डेयरी उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पर जीएसटी दरों को कम करने के काउंसिल के फैसले की सराहना करते हुए मदर डेयरी (Mother Dairy) के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा, "यह प्रगतिशील कदम देश भर के उपभोक्ताओं के लिए मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। भारतीय घरों में तेजी से लोकप्रिय हो रही पैकेज्ड श्रेणी के लिए यह विशेष रूप से बढ़ावा है। आगे चलकर इनकी मांग में और तेजी आएगी। देश के अग्रणी डेयरी संगठनों में से एक होने के नाते, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस सुधार के लाभ हमारे उपभोक्ताओं तक प्रभावी ढंग से पहुंचें।"
उन्होंने दावा किया, "जीएसटी दरें कम करने से पैकेज्ड, मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों को व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा मिलेगा, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं की पसंद बढ़ेगी, और ज़्यादा परिवारों को बेहतर मूल्य पर पौष्टिक डेयरी उत्पादों का आनंद लेने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह किसानों के लिए बेहतर बाजार अवसर पैदा करेगा और समग्र रूप से डेयरी उद्योग को और ऊर्जा प्रदान करेगा।"
हेरिटेज फ़ूड्स (Heritage Foods) की वाइस चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक भुवनेश्वरी नारा ने इसे एक समय पर उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा, "पनीर जैसी रोजमर्रा की जरूरतों को 0% स्लैब में और घी, मक्खन और पनीर को 12% से 5% स्लैब में लाने का व्यापक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि ये श्रेणियां लगभग 100% भारतीय घरों को प्रभावित करती हैं।
उन्होंने कहा, "हेरिटेज फूड्स में हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम इन सुधारों का पूरा लाभ अपने उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे, जिससे हमारे बाजारों में त्योहारी माहौल को बढ़ावा मिलेगा। हम इस बदलाव को सुचारू रूप से लागू करने के लिए अपने साझेदारों और वितरकों के साथ भी काम कर रहे हैं।"