छोटे किसान कमा सकेंगे कार्बन क्रेडिट, कृषि मंत्री ने जारी की रूपरेखा

कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को इसकी रूपरेखा जारी की। इसके जरिए किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

छोटे किसान कमा सकेंगे कार्बन क्रेडिट, कृषि मंत्री ने जारी की रूपरेखा

किसान अब खेती के जरिए कार्बन क्रेडिट भी बना सकेंगे। कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को इसकी रूपरेखा जारी की। इसके जरिए किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। कार्बन क्रेडिट का लाभ उन किसानों को मिलेगा जो पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धति जैसे प्राकृतिक या जैविक खेती अपनाएंगे।

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि छोटे एवं मझौले किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से देश के कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार (वीसीएम) को बढ़ावा देने का फ्रेमवर्क तैयार किया है। किसानों को कार्बन बाजार से परिचित कराने से न केवल उन्हें लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने में भी तेजी आएगी। कृषि मंत्री ने किसानों के हित में कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्यों के संबंधित मंत्रालयों और अन्य संबंधित संगठनों से पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने आईसीएआर से इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है।

कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था और करोड़ों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रालय ने सतत विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। 

कृषि वानिकी नर्सरी के एक्रेडिटेशन प्रोटोकॉल का विमोचन

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कृषि वानिकी नर्सरी के एक्रेडिटेशन प्रोटोकॉल का विमोचन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कृषि वानिकी नर्सरी के एक्रेडिटेशन प्रोटोकॉल देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर रोपण सामग्री के उत्पादन और प्रमाणीकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था को मजबूत करेंगे। उन्होंने सभी हितधारकों से कहा कि वे उसे अपनाएं ताकि गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री से सुनिश्चित रिटर्न मिल सकें तथा राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति के उद्देश्य प्राप्त किए जा सकें। साथ ही, प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करने का आग्रह किया। का भी आग्रह किया।

इस अवसर पर कृषि सचिव मनोज अहूजा, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक सहित केंद्र एवं राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे, वहीं अनेक हितधारक वर्चुअल भी जुड़े थे।

 

 

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