एनबीएचसी ने तीन राज्यों में शुरू की खरीद केंद्र, किसानों से धान एवं मक्के की होगी सीधी खरीद

धान के लिए बूंदी (राजस्थान) व सासाराम (बिहार) और मक्का के लिए छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) केंद्र शामिल हैं। किसानों को निर्यातकों एवं प्रोसेसर्स जैसे अंतिम उपभोक्ताओं से सीधे जोड़ने के लिए एनबीएचसी ने पिछले खरीफ सीजन में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (डीपीसी) के जरिये किसानों से फसलों की सीधी खरीद शुरू की थी।

एनबीएचसी ने तीन राज्यों में शुरू की खरीद केंद्र, किसानों से धान एवं मक्के की होगी सीधी खरीद

एग्रीटेक कंपनी नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन (एनबीएचसी) ने फसलों के तीन खरीद केंद्र शुरू करने की घोषणा की है। इनमें धान के लिए बूंदी (राजस्थान) व सासाराम (बिहार) और मक्का के लिए छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) केंद्र शामिल हैं। किसानों को निर्यातकों एवं प्रोसेसर्स जैसे अंतिम उपभोक्ताओं से सीधे जोड़ने के लिए एनबीएचसी ने पिछले खरीफ सीजन में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (डीपीसी) के जरिये किसानों से फसलों की सीधी खरीद शुरू की थी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 700 से ज्यादा किसानों को जोड़ा गया था और उनसे सफलतापूर्वक खरीद की गई थी। एनबीएचसी फसल कटाई के बाद के एग्री ईकोसिस्टम में उच्च स्तर की एकीकृत सेवाएं प्रदान करती है।

कंपनी की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि छिंदवाड़ा में किसानों से सीधे मक्का खरीदने के लिए एनबीएचसी ने महिंद्रा समूह की कृष-ए से साझेदारी की है। एनबीएचसी ने धान (बासमती, सोनम और कतरनी) और मक्का की 38,000 हजार क्विंटल से अधिक की खरीद की है जिसकी कुल कीमत 10.3 करोड़ रुपये है। 2021 में कंपनी ने 'कृषि सेतु' के माध्यम से अपनी सेवाओं का विस्तार किया था। फसल कटाई के बाद की एग्री वैल्यू चेन इकोसिस्टम में एंड-टू-एंड डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए कृषि सेतु एक ई-मार्केट प्लेटफॉर्म है। कृषि सेतु देश भर में एग्री कमोडिटी विक्रेताओं, खरीदारों और कर्जदाताओं के सबसे बड़े नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त वर्ष 2022-23 में एनबीएचसी ने 10 लाख क्विंटल का लेनदेन किया है जिसका मूल्य 265 करोड़ रुपये है।

एनबीएचसी के एग्री कॉमर्ज के सीनियर वॉइस प्रेसीडेंट और बिजनेस हेड दीपक कुमार सिंह ने इस उपलब्धि पर कहा, ''कृषि नीतियों में बदलाव से किसानों की सेवा करने के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हमारे नव निर्मित डीपीसी में तौल, गुणवत्ता परख, सक्षम बाजार लिंकेज और वित्तपोषण विकल्पों में पारदर्शिता बनाए रखकर एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में किसानों की आमदनी बढ़ाने का हमारा प्रयास है। हमने डीपीसी तक फसल लाने के लिए  स्थानीय सहायता प्रणाली "किसान साथी" की भी पेशकश की है। इसके तहत किसानों को लॉजिस्टिक मदद मुहैया कराई जाएगी तक वे अपनी उपज लेकर डीपीसी में आ सकें। इसके जरिये ग्रामीण स्तर के उद्यमियों को भी बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल 50 से ज्यादा किसान साथी इन डीपीसी से जुड़े हैं। हम इस ग्रामीण उद्यमिता इकोसिस्टम को और बढ़ाना चाहते हैं। हमें इस बात की खुशी है कि हमारे डीपीसी को किसानों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। हमारी योजना वित्त वर्ष 2023-24 में खरीद केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर 100 करने की है।” एनबीएचसी एग्री कमोडिटीज के लिए तकनीक सक्षम खरीद, भंडारण, कमोडिटी देखभाल, कोलेटरल मैनेजमेंट और सप्लाई चेन समाधान जैसी एकीकृत सेवाएं प्रदान करती है।

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