किसानों के ऑर्गेनिक उत्पादों को बाजार दिलाने में जुटी एनसीओएल, किसानों के लिए बड़ा अवसर

वर्ष 2023 में स्थापित तीन राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं में से एक एनसीओएल के सदस्यों में अब तक 7,000 सहकारी समितियां शामिल हो चुकी हैं, जिनसे एक करोड़ से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। एनसीओएल किसानों को बेहतर प्रीमियम देकर उनके आर्गेनिक उत्पाद खरीद रही है।

किसानों के ऑर्गेनिक उत्पादों को बाजार दिलाने में जुटी एनसीओएल, किसानों के लिए बड़ा अवसर

नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनके ऑर्गेनिक उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के दोहरे उद्देश्य के साथ काम कर रही है। वर्ष 2023 में स्थापित तीन राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं में से एक एनसीओएल के सदस्यों में अब तक 7,000 सहकारी समितियां शामिल हो चुकी हैं, जिनसे एक करोड़ से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। एनसीओएल किसानों को बेहतर प्रीमियम देकर उनके आर्गेनिक उत्पाद खरीद रही है। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर दाम और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर आर्गेनिक उत्पाद उपलब्ध कराकर इन उत्पादों का एक बड़ा बाजार खड़ा करना भी है।

एनसीओएल की रणनीति है कि उपभोक्ताओं को पारंपरिक खाद्य उत्पादों की तुलना में केवल 10-15 फीसदी अतिरिक्त मूल्य पर प्रमाणिक ऑर्गेनिक उत्पाद उपलब्ध कराए जाएं। इससे एक बड़ा बाजार तैयार किया जा सकेगा, जो ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के लिए नए अवसर खोलेगा। एनसीओएल के प्रबंध निदेशक विपुल मित्तल ने रूरल वॉयस से बातचीत में यह जानकारी दी।

विपुल मित्तल ने बताया कि ऑर्गेनिक उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने एक पहल की है। एनसीओएल के हर उत्पाद पर एक क्यूआर कोड मौजूद है, जिसे स्कैन कर उपभोक्ता उस बैच की टेस्ट रिपोर्ट देख सकते हैं। क्यूआर कोड स्कैन के बाद बैच नंबर व अन्य विवरण दर्ज करने पर पेस्टिसाइड रेसिड्यू की पूरी रिपोर्ट मिल जाती है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के बीच एनसीओएल के उत्पादों की गुणवत्ता और प्रामाणिकता को लेकर विश्वास कायम करना है।
फिलहाल एनसीओएल ने 'भारत ऑर्गेनिक' ब्रांड के तहत चार श्रेणियों में उत्पाद बाजार में उतारे हैं—दालों की 15 किस्में, आटा, चावल की तीन किस्में, मसालों में जीरा, धनिया, हल्दी और अजवायन समेत छह मसाले तथा मीठे में गुड़, शक्कर, ब्राउन शुगर और खांडसारी। एनसीओएल ने नोएडा में एक पैकेजिंग फैसिलिटी शुरू की है। साथ ही पंजाब व हरियाणा में चावल और गेहूं के लिए प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।

एनसीओएल के प्रमोटर एनडीडीबी, एनसीसीएफ, एनसीडीसी और जीसीएमएमएफ (अमूल) हैं, जिनमें एनडीडीबी मुख्य प्रमोटर है। एनसीओएल को मदर डेयरी के विपणन नेटवर्क का लाभ मिल रहा है। साथ ही इसके उत्पाद जनरल रिटेल चेन, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और क्विक कॉमर्स सेवाओं के माध्यम से भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध हैं।

विपुल मित्तल ने बताया कि उत्पादों की खरीद केवल उन्हीं किसानों से की जा रही है जिनके पास अधिकृत सर्टिफिकेशन है। एनडीडीबी की लैब में केमिकल रेसिड्यू की जांच की जाती है। मानकों पर खरे उतरने वाले उत्पाद ही खरीदे जाते हैं। एनसीओएल ने अब तक 15 राज्यों के साथ ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादों की नोडल एजेंसी के रूप में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

विपुल कहते हैं कि देश में ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उनका किफायती कीमत पर उपलब्ध होना जरुरी है। इसके लिए किसानों को बाजार मुहैया कराना होगा क्योंकि तभी ऑर्गेनिक उपज का उत्पादन बढ़ सकता है। मांग और उत्पादन बढ़ने पर ही उपभोक्तों को ऑर्गेनिक उत्पाद काफायती दाम पर उपलब्ध कराना संभव है। ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा तो मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी। इसी उद्देश्य के तहत एनसीओएल किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनके उत्पादों को बाजार दिलाने की दिशा में कार्यरत है।

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