गंगा एक्सप्रेसवे की मांग को लेकर बिजनौर के किसानों का पोस्टकार्ड अभियान, सीएम को भेजेंगे 1 लाख पोस्टकार्ड

किसान नेता दिगंबर सिंह ने बिजनौर से गंगा एक्सप्रेसवे निकालने, गन्ना मूल्य वृद्धि और नजीबाबाद शुगर मिल की क्षमता विस्तार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को एक लाख पोस्ट कार्ड भेजने की बात कहीं थी। जानकारी के अनुसार, अब तक 50 हजार से अधिक पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री को भेजे जा चुके हैं।

गंगा एक्सप्रेसवे की मांग को लेकर बिजनौर के किसानों का पोस्टकार्ड अभियान, सीएम को भेजेंगे 1 लाख पोस्टकार्ड
गंगा एक्सप्रेसवे को बिजनौर से निकालने और गन्ना मूल्य वृद्धि सहित कई मांगों लेकर बिजनौर जिले में किसानों ने पोस्टकार्ड अभियान छेड़ दिया है। भाकियू (अराजनैतिक) के युवा प्रदेशाध्यक्ष दिगंबर सिंह के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान के तहत जिलेभर के किसानों ने मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजने शुरू कर दिए हैं। इस पहल को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
किसान नेता दिगंबर सिंह ने बिजनौर से गंगा एक्सप्रेसवे निकालने, गन्ना मूल्य वृद्धि और नजीबाबाद शुगर मिल की क्षमता विस्तार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को एक लाख पोस्ट कार्ड भेजने की बात कहीं थी। जानकारी के अनुसार, अब तक 50 हजार से अधिक पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री को भेजे जा चुके हैं। जिले के डाकघरों में पोस्टकार्ड खत्म हो गए तो किसानों की मांग पर 65 हजार पोस्टकार्डों की नई खेप लखनऊ से मंगाई गई। जिसमें से 20 हजार पोस्टकार्ड पहले ही दिन बिक गए।

अभियान का नेतृत्व कर रहे किसान नेता दिगंबर सिंह का कहना है कि गंगा एक्सप्रेसवे बिजनौर से होकर गुजरे तो बिजनौर जिले के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती होगी। इस मांग को उठाने के लिए यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है।

युवाओं की इस अभियान में अहम भूमिका रही। वे गांव-गांव जाकर लोगों को पोस्टकार्ड लिखने और मुख्यमंत्री को भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। डाकघरों में पोस्टकार्डों की भारी मांग के चलते कई जगह स्टॉक खत्म हो गया। 

किसानों का कहना है कि यह सिर्फ गंगा एक्सप्रेसवे का नहीं बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास का सवाल है। अगर सरकार ने बिजनौर मार्ग को मंजूरी दी तो यह क्षेत्र औद्योगिक, व्यापारिक और कृषि दृष्टि से एक बड़ा केंद्र बन जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का एक महत्वाकांक्षी 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट है, जिसे मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जाएगा। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक कोरिडोर विकसित किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों से होकर गुजरेगा और इसे भारतीय वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी के साथ बनाया जा रहा है।

यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सीधे पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।

प्रमुख ज़िले जिनसे होकर एक्सप्रेसवे गुजरेगा:

मेरठ → हापुड़ → बुलंदशहर → अमरोहा → संभल → बदायूं → शाहजहांपुर → हरदोई → उन्नाव → रायबरेली → प्रतापगढ़ → प्रयागराज

उद्देश्य:

  • पश्चिम से पूर्व तक औद्योगिक और कृषि उत्पादों के त्वरित परिवहन को बढ़ावा देना।

  • निवेश और रोजगार सृजन में वृद्धि करना।

  • दिल्ली और प्रयागराज के बीच यात्रा समय को लगभग 8 घंटे से घटाकर 5 घंटे करना।

लागत: 
लगभग 36,230 करोड़ रुपये

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