पीली मटर के आयात पर सरकार ने 30% शुल्क लगाया, सस्ते आयात से किसानों को भारी नुकसान
सरकार ने यह निर्णय उस समय लिया है जब उसे दालों के सस्ते आयात को लेकर राजनीतिक आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था।
केंद्र सरकार ने पीली मटर (Yellow Peas) के आयात पर 30 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय द्वारा बुधवार देर शाम जारी अधिसूचना के अनुसार यह निर्णय 1 नवम्बर 2025 से प्रभावी होगा। हालांकि, 31 अक्टूबर 2025 या उससे पहले बिल ऑफ लैडिंग (Bill of Lading) वाले जहाज़ों की खेपें इस शुल्क से मुक्त रहेंगी।
सरकार ने यह निर्णय उस समय लिया है जब उसे दालों के सस्ते आयात को लेकर राजनीतिक आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। इससे पहले भारत सरकार ने पीली मटर के ड्यूटी-फ्री आयात को 31 मार्च 2026 तक अनुमति दी थी। परंतु लगातार बढ़ते आयात और घरेलू दामों पर दबाव के कारण किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
नए शुल्क में 10 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी और 20 प्रतिशत कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (AIDC) शामिल हैं। यह कदम लंबे समय से जारी ड्यूटी-फ्री व्यवस्था की समाप्ति को दर्शाता है। सरकार ने दिसंबर 2023 में पीली मटर के ड्यूटी-फ्री आयात की अनुमति दी थी, जिसे पहले अक्टूबर 2024 तक और फिर मार्च 2026 तक बढ़ाया गया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस नीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि विदेशी पीली मटर के ड्यूटी फ्री आयात से घरेलू दलहन उत्पादक किसानों को भारी नुकसान पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयातित मटर की कीमत 3,500 रुपये प्रति क्विंटल है, जो घरेलू दालों के 7,000-8,000 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी का लगभग आधा है।
2024–25 में भारत ने कुल 67 लाख टन दालों का आयात किया, जिनमें से करीब 30 लाख टन पीली मटर थी। हाल के महीनों में कनाडा और रूस जैसे देशों से सस्ती पीली मटर के आयात में तेज़ी आई थी, जिससे घरेलू बाज़ार पर दबाव बढ़ा। उम्मीद है कि पीली मटर के आयात पर 30 फीसदी शुल्क लगने से किसानों को सस्ते आयात की मार से कुछ राहत मिलेगी।

Join the RuralVoice whatsapp group















