नेफेड ने खरीदा 19.47 लाख टन चना, दालों की कीमतें नियंत्रित रखने में कितनी कारगर रहेगी यह रणनीति

नेफेड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 19,47,248.88 टन चना की खरीद की जा चुकी है। एमएसपी पर की गई सरकारी खरीद से अब तक 8,67,965 किसान लाभान्वित हुए हैं और उनके खातों में 10,388.57 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। जहां तक मसूर की सरकारी खरीद की बात है तो 12 मई तक नैफेड ने 52,168.47 लाख टन की खरीद की थी। इसकी कीमत 313 करोड़ रुपये है और 30 हजार किसान इससे लाभान्वित हुए हैं। यह खरीद मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में की गई है।

नेफेड ने खरीदा 19.47 लाख टन चना, दालों की कीमतें नियंत्रित रखने में कितनी कारगर रहेगी यह रणनीति
चना की हो रही बंपर सरकारी खरीद।

केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के तहत आक्रामक तरीके से चना की सरकारी खरीद कर रहा है। चालू रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में अब तक 19.47 लाख टन से ज्यादा चना की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा चुकी है। पिछले रबी मार्केटिंग सीजन में करीब 26 लाख टन चना की खरीद नेफेड ने की थी। केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए चना का एमएसपी 5,335 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। सरकारी खरीद बेहतर रहने से चना किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल रही है। साथ ही दालों की कीमतों को नियंत्रित रखने में भी यह रणनीति मददगार साबित होगी।   

उच्च पदस्थ सूत्रों ने रूरल वॉयस को बताया कि नेफेड के पास पिछले सीजन का भी 14.5 लाख टन चना बचा हुआ है। चालू सीजन में बेहतर खरीद के चलते उम्मीद है कि दालों की कीमतें नियंत्रण में रहेगी। हालांकि, तुअर (अरहर) और उड़द जरूर परेशानी खड़ी कर रहे हैं क्योंकि इनका उत्पादन इस साल कम हुआ है और इनके आयात की कीमत बढ़ गई है। आने वाले दिनों में अगर दालों की कीमतें बढ़ेंगी तो चना के जरिये बाजार में हस्तक्षेप कर दाल कीमतों को नियंत्रित किया जाएगा।  

नेफेड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 15 मई तक 19,47,248.88 टन चना की खरीद की जा चुकी है। एमएसपी पर की गई सरकारी खरीद से अब तक 8,67,965 किसान लाभान्वित हुए हैं और उनके खातों में 10,388.57 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। जहां तक मसूर की सरकारी खरीद की बात है तो 12 मई तक नेफेड ने 52,168.47 लाख टन की खरीद की थी। इसकी कीमत 313 करोड़ रुपये है और 30 हजार किसान इससे लाभान्वित हुए हैं। यह खरीद मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में की गई है।

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चना खरीद में मध्य प्रदेश सबसे पहले नंबर पर है। यहां अब तक 6,75,193.98 टन चना खरीदा जा चुका है। मसूर के मामले में भी मध्य प्रदेश ही अव्वल है। मसूर की अब तक की कुल खरीद में मध्य प्रदेश में 49,092.57 टन और बाकी 3,075.90 टन उत्तर प्रदेश में की गई है। चना खरीद में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 6,56,683.24 टन की खरीद हुई है। तीसरा नंबर गुजरात का है जहां 3,14,092.68 टन चना नेफेड खरीद चुकी है।

नेफेड ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जो आंकड़ा दिया है उसमें बताया गया है कि राजस्थान का नंबर चौथा है जहां 98,493.47 टन चना खरीदा गया है। कर्नाटक में 79,548 टन, आंध्र प्रदेश में 64,503.90 टन और तेलंगाना में 50,238 टन की खरीद की गई है। सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश की है। चना उत्पादन के मामले में छठा सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद यहां अब तक सिर्फ 8,495.62 टन चना की खरीद की गई है।

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पिछले रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में नेफेड ने 25,92,500 टन चना की खरीद की थी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 136.32 लाख टन चना का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है जो एक रिकॉर्ड है। फसल वर्ष 2021-22 में 135.44 लाख टन चना का उत्पादन हुआ था।  

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