जमाखोरी और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए तूर और उड़द पर स्टॉक लिमिट

जमाखोरी और कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने तूर यानी अरहर और उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट लगा दी है। थोक विक्रेताओं, रिटेल विक्रेताओं, आयातकों तथा मिलर्स पर यह स्टॉक लिमिट 31 अक्टूबर 2023 तक जारी रहेगी। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आशय का आदेश जारी किया है।

जमाखोरी और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए तूर और उड़द पर स्टॉक लिमिट

जमाखोरी और कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने तूर यानी अरहर और उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट लगा दी है। थोक विक्रेताओं, रिटेल विक्रेताओं, आयातकों तथा मिलर्स पर यह स्टॉक लिमिट 31 अक्टूबर 2023 तक जारी रहेगी। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आशय का आदेश जारी किया है।

2 जून को देश में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत 122.68 रुपए प्रति किलो थी। यह एक साल पहले के 103.25 रुपये प्रति किलो की तुलना में 19% ज्यादा है। इसी तरह उड़द के दामों में भी 5.26% की वृद्धि हुई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले के 105.05 रुपए की तुलना में इसकी औसत कीमत अभी 110.58 रुपए प्रति किलो है।

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक तूर और उड़द के लिए स्टॉक लिमिट लगाई गई है। आदेश के मुताबिक थोक विक्रेताओं के लिए दोनों दालों की स्टॉक लिमिट 200-200 टन होगी। रिटेलर और रिटेल आउटलेट के लिए इसकी लिमिट 5-5 टन होगी। डिपो तथा बड़े चेन रिटेलर्स के लिए 200 टन की सीमा निर्धारित की गई है।

मिलर्स के लिए स्टॉक लिमिट उत्पादन के आखिरी 3 महीने के बराबर या सालाना उत्पादन क्षमता का 25% (दोनों में से जो अधिक हो) होगी। आयातक कस्टम क्लीयरेंस की तारीख से 30 दिन से ज्यादा समय तक स्टॉक अपने पास होल्ड नहीं कर सकेंगे।

मंत्रालय ने उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर सभी लीगल एंटिटी से अपना स्टॉक बताने को कहा है। अगर उनके पास मौजूदा स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो नोटिफिकेशन जारी होने के 30 दिन के भीतर इसे घटाकर निर्धारित सीमा में लाना पड़ेगा।

आदेश के मुताबिक आयातकों, मिलर्स तथा रिटेलर्स समेत विभिन्न पक्षों के साथ स्टॉक डिस्क्लोजर पर विस्तार से बातचीत हुई है। जमीनी स्थिति को जानने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु का दौरा भी किया है।

फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के दौरान देश में तूर का उत्पादन 34.3 लाख टन रहने की संभावना है। पिछले साल 42.2 लाख टन तूर का उत्पादन हुआ था। उड़द के उत्पादन में भी गिरावट के आसार हैं। कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार इस वर्ष इसका उत्पादन 26.1 लाख टन रहने की संभावना है। पिछले साल 27.7 लाख टन का उत्पादन हुआ था।

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