प्राकृतिक खेती का गेहूं किसानों से 60 रुपये/किलो खरीद रही हिमाचल सरकार, पंजीकरण शुरू
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती की उपज बेचने के इच्छुक किसानों के पंजीकरण के लिए 15 मई से एक महीने का विशेष अभियान

हिमाचल प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष अभियान चला रही है। इसके तहत प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं, हल्दी समेत कई फसलों की खरीद सरकार द्वारा की जाएगी। प्राकृतिक खेती की उपज बेचने के इच्छुक किसान 15 जून तक पंजीकरण करा सकते हैं।
हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक खेती के गेहूं, मक्का, कच्ची हल्दी और जौ के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की पहल की है। प्राकृतिक खेती के गेहूं का एमएसपी 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का का एमएसपी 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।
सरकार कच्ची हल्दी भी किसानों से खरीद रही है, जिसे 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है। चंबा जिले के पांगी ब्लॉक में पैदा होने वाली जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम का एमएसपी तय किया गया है। रसायन-मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (PK3Y)’ शुरू की है, जिसके तहत इस प्रकार की कई पहलें की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस अभियान को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मिशन मोड में चलाया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। कृषि विभाग की ओर से शिविर लगाकर किसानों का पंजीकरण किया जाएगा। राज्य के कुछ जिलों में 15 मई से प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। कृषि विभाग ने खंड स्तर के अधिकारियों को किसानों की सहायता करने और अभियान से संबंधित उनकी शंकाओं का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (PK3Y) के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. रविंद्र सिंह जसरोटिया ने बताया कि प्राकृतिक गेहूं की खरीद के लिए कुल 22 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। सबसे पहले हमीरपुर, बिलासपुर और सिरमौर जिलों के किसानों से गेहूं खरीदी जाएगी। इसके बाद, जब अन्य जिलों में फसल की नमी पूरी तरह समाप्त हो जाएगी, तो वहां भी खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। केंद्र सरकार जहां सामान्य गेहूं के लिए 2,425 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी देती है, वहीं हिमाचल सरकार प्राकृतिक खेती के गेहूं को 60 रुपये प्रति किलोग्राम यानी 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है। वे किसान जो खरीद केंद्र से दो किलोमीटर या उससे अधिक दूरी से अपनी उपज लेकर आएंगे, उन्हें 2 रुपये प्रति किलोग्राम परिवहन सब्सिडी भी दी जाएगी। एक किसान अधिकतम 20 क्विंटल गेहूं बेच सकता है।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार पशुपालकों से गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद रही है।