चीनी उत्पादन में 16% वृद्धि का अनुमान, 20 लाख टन निर्यात की संभावना

शुगर सीजन 2025-26 में भारत का सकल चीनी उत्पादन बढ़कर 343.5 लाख टन पहुंचने की संभावना है, जो पिछले साल से करीब 16% ज्यादा है। गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बेहतर बारिश के कारण इस बार अच्छी पैदावार व रिकवरी की उम्मीद है।

चीनी उत्पादन में 16% वृद्धि का अनुमान, 20 लाख टन निर्यात की संभावना

भारतीय चीनी एवं बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने 2025-26 शुगर सीज़न के लिए चीनी उत्पादन के अपने पहले अग्रिम अनुमान जारी किए हैं। इस्मा ने अनुमान लगाया है कि इस सीज़न में एथेनॉल डायवर्जन से पहले सकल चीनी उत्पादन 343.5 लाख टन तक पहुँच सकता है, जो पिछले वर्ष के 296.1 लाख टन की तुलना में लगभग 16% अधिक है।

अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में प्राप्त सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर, इस्मा का अनुमान है कि देश में गन्ने का कुल रकबा 57.35 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष के 57.11 लाख हेक्टेयर की तुलना में थोड़ा अधिक है।

इन निष्कर्षों की समीक्षा 4 नवंबर को हुई इस्मा की कार्यकारी समिति की बैठक में की गई, जिसमें देशभर के चीनी उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस समीक्षा में इमेजरी विश्लेषण, फील्ड रिपोर्ट, अपेक्षित पैदावार, रिकवरी दर, बारिश का प्रभाव और जलाशयों में उपलब्ध जल स्तर जैसे कारकों को शामिल किया गया।

राज्यवार स्थिति

महाराष्ट्र: गन्ने का क्षेत्रफल 6% बढ़कर 14.71 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष 13.82 लाख हेक्टेयर था। बेहतर बारिश, जल उपलब्धता और प्लांट केन के उच्च अनुपात की वजह से फसल की स्थिति “अच्छी से बहुत अच्छी” बताई जा रही है। राज्य में चीनी का सकल उत्पादन बढ़कर 130 लाख टन पहुँच सकता है, जो पिछले वर्ष के 93.51 लाख टन से 39% अधिक है।

कर्नाटक: गन्ने का रकबा 6% बढ़कर 6.8 लाख हेक्टेयर हो चुका है। बेहतर वर्षा और पानी की उपलब्धता के कारण इस बार बेहतर पैदावार व रिकवरी की उम्मीद है। सकल चीनी उत्पादन 54.89 लाख टन से बढ़कर 63.5 लाख टन होने का अनुमान है जो लगभग 16% वृद्धि है।

उत्तर प्रदेश: गन्ने का रकबा 3% घटकर 22.57 लाख हेक्टेयर हो गया है, लेकिन फसल की स्थिति पिछले वर्ष से काफी बेहतर है। मिल स्तर पर केन डेवलपमेंट प्रोग्राम, समयबद्ध हस्तक्षेप और किस्मों के प्रतिस्थापन से रेड रॉट जैसी बीमारियों को कम रखने में मदद मिलेगी। यूपी में चीनी उत्पादन 101.01 लाख टन से बढ़कर 103.2 लाख टन होने का अनुमान है।

संतुलित बैलेंस शीट 

एथेनॉल उत्पादन के लिए अनुमानित 34 लाख टन चीनी डायवर्ट करने के बाद, 2025-26 में नेट चीनी उत्पादन 309.5 लाख टन रहने की उम्मीद है। 50 लाख टन के ओपनिंग स्टॉक और 285 लाख टन घरेलू खपत के साथ, सितंबर 2026 के अंत में क्लोजिंग स्टॉक लगभग 74.5 लाख टन अनुमानित है, जो पर्याप्त उपलब्धता को दर्शाता है।

2025-26 सीज़न बैलेंस शीट:
ओपनिंग स्टॉक (1 अक्टूबर 2025): 50 लाख टन
नेट उत्पादन: 309.5 लाख टन
कुल उपलब्धता: 359.5 लाख टन
आंतरिक खपत: 285 लाख टन
क्लोजिंग स्टॉक (30 सितंबर 2026): 74.5 लाख टन

निर्यात नीति पर स्पष्टता की मांग

पर्याप्त चीनी उपलब्धता को देखते हुए इस्मा का कहना है कि भारत इस सीजन में लगभग 20 लाख टन चीनी निर्यात करने की स्थिति में है। इस्मा ने सरकार से अनुरोध किया है कि निर्यात नीति जल्द से जल्द घोषित की जाए, ताकि चीनी मिलें समय रहते चीनी उत्पादन की रणनीति तैयार कर सकें।

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