एशिया दौरे में अमेरिकी कृषि निर्यात को नई ताकत देने में सफल रहे ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हाल के एशिया के दौरे में कई प्रमुख देशों के साथ कृषि क्षेत्र में बड़े सौदे किए हैं। इसका सबसे बड़ा असर अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में देखने को मिला, जिससे वर्षों से टैरिफ से जूझ रहे अमेरिकी सोयाबीन और अनाज निर्यातकों के लिए रास्ता खुला है।​​

एशिया दौरे में अमेरिकी कृषि निर्यात को नई ताकत देने में सफल रहे ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हाल के एशिया के दौरे में कई प्रमुख देशों के साथ कृषि क्षेत्र में बड़े सौदे किए हैं। इसका सबसे बड़ा असर अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में देखने को मिला, जिससे वर्षों से टैरिफ से जूझ रहे अमेरिकी सोयाबीन और अनाज निर्यातकों के लिए रास्ता खुला है।​​

ट्रंप ने लंबी कूटनीतिक कवायद के बाद चीन के अलावा दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया और कंबोडिया के साथ कृषि समझौते किए है। चीन के साथ ऐतिहासिक डील के तहत ट्रंप ने चीन पर टैरिफ 57 प्रतिशत से घटाकर 47 प्रतिशत करने की घोषणा की। बदले में चीन अमेरिका से सोयाबीन की खरीद फिर शुरू करने पर सहमत हुआ है।​​ उसने करीब एक साल से अमेरिका से सोयाबीन खरीदना बंद कर रख था। इसकी जगह वह ब्राजील से सोया प्रोडक्ट खरीद रहा है

अन्य देशों में थाईलैंड ने हर साल 2.6 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पाद - सोयाबीन मील, फीड कॉर्न, डिस्टिलर्स ग्रेन - खरीदने का समझौता किया है। वियतनाम ने अमेरिका से कॉफी आयात पर टैरिफ पूरी तरह खत्म करने पर सहमति जताई तो मलेशिया व कंबोडिया ने एथेनॉल के लिए टैक्स हटा दिए हैं। इससे अमेरिकी कृषि उत्पादकों को नए बाजार और बायोफ्यूल निर्यातकों को सहारा मिलेगा।​​

इन समझौतों के बाद कमोडिटी बाजारों में जोरदार तेजी दिखी। सोयाबीन वायदा कीमतें 10% उछलीं और 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, जबकि सोयमील में 15% की तेजी आई। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सौदे वैश्विक कृषि व्यापार को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे। हालांकि उनका यह भी कहना है कि चीन के लिए अमेरिका की तुलना में ब्राजील का सोयाबीन सस्ता बना रहेगा।​ ब्राजीलियन सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।

राष्ट्रपति ट्रंप के लिए इस डील का आर्थिक और राजनीतिक दोनों महत्व है। वर्ल्ड ग्रेन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोयाबीन ट्रेड का फिर से शुरू होना 2025–26 मार्केटिंग साल की पहली बिक्री होग। इसमें चीन की COFCO कंपी दिसंबर-जनवरी शिपमेंट के लिए लगभग 180,000 टन की खरीद करेगी। वर्ष 2024 में चीन ने 12.6 अरब डॉलर का U.S. सोयाबीन खरीदा जो अमेरिका के कुल निर्यात का आधे से ज़्यादा था। 

मात्रा के लिहाज से चीन की खरीद की बहुत मामूली है, लेकिन इसका मतलब काफी बड़ा माना जा रहा है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि बीजिंग 2026 के मध्य तक अपने स्ट्रेटेजिक रिज़र्व के लिए अमेरिका से सोयाबीन खरीदना जारी रखेगा। यह खरीद चार अरब डॉलर के आस पास हो सकती है। अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जैमीसन ग्रीर ने कहा कि ये डील दिखाती हैं कि अमेरिका किसानों और मैन्युफैक्चरर्स के लिए नए मार्केट खोलते हुए टैरिफ बनाए रख सकता है।

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