विश्व मृदा दिवसः मिट्टी की सेहत बनाए रखने में किसानों की मदद कर रही कोर्टेवा

मिट्टी की सेहत को बनाए रखने की सतत प्रक्रिया है। इसके लिए सभी हितधारकों जैसे सरकार, उर्वरक और कृषि-रसायन उद्योग, गैर सरकारी संगठनों, वैज्ञानिकों और किसानों द्वारा लगातार ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को उनकी मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एग्री इन्नोवेटर कोर्टेवा सबसे उपयुक्त और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

विश्व मृदा दिवसः मिट्टी की सेहत बनाए रखने में किसानों की मदद कर रही कोर्टेवा

मिट्टी की सेहत को बनाए रखने की सतत प्रक्रिया है। इसके लिए सभी हितधारकों जैसे सरकार, उर्वरक और कृषि-रसायन उद्योग, गैर सरकारी संगठनों, वैज्ञानिकों और किसानों द्वारा लगातार ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को उनकी मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एग्री इन्नोवेटर कोर्टेवा सबसे उपयुक्त और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

विश्व मृदा दिवस (5 दिसंबर) के मौके पर पर कोर्टेवा ने एक बयान में कहा है कि कंपनी के हरित रसायन उत्पाद टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देते हुए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये उत्पाद पोषक तत्वों की हानि को कम करके मिट्टी की संरचना में सुधार और माइक्रोबियल गतिविधि को बढ़ाकर मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, डीएसआर (डायरेक्ट सीडिंग राइस) पद्धति को अपनाने से धान की खेती में पानी के उपयोग में 35-37 फीसदी की कमी आ सकती है, मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन 20-30 फीसदी कम हो सकता है।

कोर्टेवा के मुताबिक, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सैटेलाइट इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाना आवश्यक है। मिट्टी का प्रबंधन करने के अलावा सक्रिय रूप से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने और कृषि भूमि एवं धरती को लाभ पहुंचाने में इसकी बड़ी भूमिका हो सकती है। स्वस्थ मिट्टी फसल उत्पादकता और स्थिरता की नींव है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की 2022 की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि अगले 60 वर्षों में मिट्टी का विनाशकारी नुकसान होगा। वहीं, 2050 तक दुनिया भर में भोजन, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और आय की हानि के कारण मिट्टी के क्षरण की लागत 2.3 करोड़ डॉलर हो सकती है।

कृषि में मिट्टी का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। निकट भविष्य में इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। मिट्टी के कटाव को कम करने, जल संग्रहण को ज्यादा करने, पोषक तत्व चक्र में सुधार करने, इनपुट पर खर्च कम करने और कार्यशील भूमि के लचीलेपन में सुधार करने के लिए मृदा स्वास्थ्य का प्रबंधन करना किसानों के लिए जरूरी है।

कोर्टेवा ने कहा है कि उच्च और स्वस्थ फसल पैदावार स्वस्थ मिट्टी पर निर्भर करता है। किसान मृदा स्वास्थ्य को बढ़ाने वाले समाधानों को अपनाने और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिस भूमि पर वे खेती करते हैं, उस मिट्टी से गहरा संबंध और समझ रखने वाले भूमि के संरक्षक के रूप में किसान मिट्टी के रिजेनरेशन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। मिट्टी के अनुकूल खेती के भविष्य के लिए वे एक मिसाल कायम कर रहे हैं।

कॉर्टेवा के मुताबिक, "जैसे-जैसे मिट्टी के स्वास्थ्य के महत्व के बारे में हमारी समझ बढ़ी है, किसान विभिन्न मिट्टी-केंद्रित कृषि दृष्टिकोणों को अपना रहे हैं जिससे उनकी उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ी है।" किसान अपनी मिट्टी के स्वास्थ्य को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा सकते हैं, जैसे-

- बिना जुताई या न्यूनतम जुताई जैसी प्रथाओं को अपनाकर बाधा कम करना।

- नमी बनाए रखने और कटाव को कम करने के लिए कवर फसलें लगाना।

- कृषि इनपुट को कम करके या ऐसे इनपुट का चयन करके मिट्टी में जैव विविधता को बढ़ावा देना जो मिट्टी के लाभकारी जीवों के लिए कम विघटनकारी हों।

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