जीएसटी में बदलाव से डेयरी सेक्टर को लाभ, लेकिन कूलिंग और दूध दुहने की मशीनों पर अधिक टैक्स से चिंता

56वीं जीएसटी परिषद ने दूध और डेयरी उत्पादों पर कर दरों में सुधार किया है। अधिकांश वस्तुओं जैसे पनीर, मक्खन, घी, आइसक्रीम और दूध के कैन पर जीएसटी घटाकर या तो शून्य या 5% कर दिया गया है। यह सुधार किसानों, उपभोक्ताओं और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा। हालांकि बल्क मिल्क कूलर और दूध दुहने की मशीन जैसी महत्वपूर्ण डेयरी तकनीकों पर अब भी 18% जीएसटी लागू है।

जीएसटी में बदलाव से डेयरी सेक्टर को लाभ, लेकिन कूलिंग और दूध दुहने की मशीनों पर अधिक टैक्स से चिंता

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में दूध और डेयरी उत्पादों पर कर कटौती की घोषणा की गई है। इससे करोड़ों ग्रामीण किसान परिवारों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। हालांकि बल्क मिल्क कूलर और दूध दुहने वाली मशीन जैसी आवश्यक डेयरी टेक्नोलॉजी पर 18% जीएसटी बनाए रखना इस क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास की संभावनाओं को कमजोर करता है।

परिषद ने 3 सितंबर 2025 को दूध और दूध उत्पादों पर जीएसटी दरों में बदलाव किया जो 22 सितंबर से लागू होगा। अधिकांश डेयरी वस्तुओं पर कर शून्य या 5% कर दिया गया है। नई दरों के तहत, अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध और पैक्ड पनीर को जीएसटी से छूट दी गई है। वहीं मक्खन, घी, डेयरी स्प्रेड, चीज़, कंडेंस्ड मिल्क, दूध से बने पेय और आइसक्रीम पर अब केवल 5% कर लगाया जाएगा। दूध के कैन, जो भंडारण और परिवहन के लिए आवश्यक हैं, पर जीएसटी भी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

जानकारों का कहना है कि यह बदलाव सीधे तौर पर 8 करोड़ से अधिक ग्रामीण किसान परिवारों - विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों - को लाभान्वित करेगा। उपभोक्ताओं को भी कम खुदरा कीमतों और बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों का फायदा होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि कम कर से परिचालन लागत घटेगी और भारतीय डेयरी उत्पाद घरेलू तथा वैश्विक बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। वर्ष 2023–24 में यहां 23.9 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 24% है। यह सेक्टर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5.5% का योगदान करता है और 2024 में इसकी वैल्यू लगभग 18.98 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह देश की सबसे बड़ी कृषि कमोडिटी है।

टेक्नोलॉजी पर अधिक टैक्स बनेगी बाधक
विशेषज्ञों ने जीएसटी दरों में बदलावों का व्यापक स्वागत किया है, लेकिन आवश्यक डेयरी तकनीक, जैसे दूध दुहने की मशीनें और बल्क मिल्क कूलर पर 18% जीएसटी बनाए रखने का निर्णय चिंता का विषय बना हुआ है। इन वस्तुओं को 2022 में 12% से बढ़ाकर 18% कर श्रेणी में डाला गया था और उद्योग की अपील के बावजूद इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया।

आधुनिक दुहाई मशीनें स्वच्छ और निर्यात-योग्य दूध उत्पादन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यूरोप और भारत के अध्ययनों से पता चला है कि यांत्रिक तरीके से दूध दुहने से माइक्रोबियल संक्रमण कम होता है, क्योंकि इसमें सीधा मानव संपर्क कम रहता है। थनों की समान रूप से सफाई भी सुनिश्चित होती है। उचित रखरखाव के साथ यह प्रणाली मवेशी के थनों के स्वास्थ्य में सुधार करती हैं और सोमैटिक सेल की संख्या कम करती हैं। इससे उपभोक्ताओं के लिए दूध अधिक सुरक्षित रहता है।

उतना ही महत्वपूर्ण है दूध की जल्दी कूलिंग। दूध को दुहे जाने के कुछ घंटों के भीतर 3–4 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करना विश्व स्तर पर स्वच्छ दूध उत्पादन का मानक माना जाता है। शोध से साबित हुआ है कि शीघ्र कूलिंग न केवल जीवाणु वृद्धि रोकती है बल्कि भंडारण और परिवहन के दौरान दूध की पौष्टिकता भी बनी रहती है। 

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