जूट का एमएसपी 250 रुपए बढ़कर 4750 रुपए प्रति क्विंटल, लागत से डेढ़ गुना अधिक होने का दावा

सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि यह कीमत औसत उत्पादन लागत पर 60.5 फ़ीसदी का मुनाफा देगा देगी। 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट का घोषित एमएसपी बजट 2018-19 में सरकार के उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है

जूट का एमएसपी 250 रुपए बढ़कर 4750 रुपए प्रति क्विंटल, लागत से डेढ़ गुना अधिक होने का दावा

केंद्र की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) को मंजूरी दी। यह मंजूरी कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।

2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट (टीडीएन3 के समतुल्य से टीडी5 ग्रेड) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4750 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह पिछले सीजन से 250 रुपए ज्यादा है। सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि यह कीमत औसत उत्पादन लागत पर 60.5 फ़ीसदी का मुनाफा देगा देगी। 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट का घोषित एमएसपी बजट 2018-19 में सरकार के उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है।

यह मूल्य लाभ के रूप में न्यूनतम 50 प्रतिशत का आश्वासन देता है। यह जूट उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक का लाभ सुनिश्चित करने और गुणवत्ता वाले जूट फाइबर को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में से एक है। भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन को लेकर केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में अपना काम जारी रखेगा और इस तरह के संचालन में किसी प्रकार का नुकसान होने पर केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह उसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी।

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