आरोह-एलआईसी हाउसिंग के 'हृदय' कार्यक्रम से राजस्थान के सात गांवों में हो रहा बड़ा बदलाव

हृदय कार्यक्रम का उद्देश्य राजस्थान के बारां जिले के अंता ब्लॉक के सात गांवों में 9250 लोगों का सामाजिक-आर्थिक सुधार करना है। इसके लिए कृषि, पशुपालन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पोषण और जागरूकता जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया गया है

आरोह-एलआईसी हाउसिंग के 'हृदय' कार्यक्रम से राजस्थान के सात गांवों में हो रहा बड़ा बदलाव

राष्ट्रीय स्तर के एनजीओ आरोह फाउंडेशन और एलआईसी हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड के साझा कार्यक्रम 'हृदय' के तहत गोद लिए गए गांवों में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अनेक परेशानियों के बावजूद कार्यक्रम के तहत चयनित सात गांवों में लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है। हृदय कार्यक्रम का उद्देश्य राजस्थान के बारां जिले के अंता ब्लॉक के सात गांवों में 9250 लोगों का सामाजिक-आर्थिक सुधार करना है। इसके लिए कृषि, पशुपालन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पोषण और जागरूकता जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। 

गोद लिए गए गांवों को आत्मनिर्भर राजस्व मॉडल में बदलने साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर लाभ मिले, उसके लिए उनको सशक्त बनाना हृदय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। इसके तहत जिन बातों पर ध्यान दिया गया, उनमें लोगों को आजीविका के वैकल्पिक स्रोत, बेहतर कृषि पद्धतियां, महिलाओं की आवाज उठाना और उनके निर्णय लेने की शक्ति विकसित करना, गांवों के भीतर बेहतर पर्यावरण और जलक्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता जैसे जीवन की बुनियादी बातों के लिए ग्रामीणों में जागरूकता लाना शामिल हैं।

हृदय ने सात किसान समूहों, 35 स्वयं सहायता समूहों और सात वीडीसी के गठन के साथ उनके संचालन की सुविधा भी मुहैया कराई है। तीन आंगनबाड़ी और सरकारी स्कूलों को गोद लेने और अपग्रेड करने के लिए बुनियादी ढांचे, स्मार्ट कक्षाएं, छोटे पुस्तकालय की स्थापना, सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था और लड़कियों और लड़कों के लिए स्वच्छता इकाइयों का प्रावधान किया गया।

इन गावों में तीन जलाशयों की स्थापना के साथ 175 सौर स्ट्रीट लाइट, तीन स्कूल स्वच्छता इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिससे ग्रामीण को स्वच्छ जल और सुरक्षित माहौल मिल सके। ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में महिलाओं, अन्य कमजोर समुदायों की भागीदारी में वृद्धि, योजना का विकेंद्रीकरण, कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ बेहतर मिले इसके लिए भी काम किय़ा जाता हैं।

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