पैक्स से अपेक्स तक मजबूत मार्केटिंग व्यवस्था के लिए माडल एक्ट जल्दः अमित शाह

केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) को बहुद्देश्यीय बना रही है। इसके साथ ही पैक्स से अपेक्स तक के एक मजबूत मार्केटिंग सिस्टम के लिए सरकार मॉडल एक्ट लेकर आएगी। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) द्वारा 'कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका' विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं

पैक्स से अपेक्स तक मजबूत मार्केटिंग व्यवस्था के लिए माडल एक्ट जल्दः अमित शाह

केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) को बहुद्देश्यीय बना रही है। इसके साथ ही पैक्स से अपेक्स तक के एक मजबूत मार्केटिंग सिस्टम के लिए सरकार मॉडल एक्ट लेकर आएगी। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) द्वारा 'कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका' विषय पर  भोपाल में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले किसानों की आय दो गुना करने के लिए पिछले आठ साल में कई ठोस काम किये हैं। इसमें सबसे मुख्य कृषि उपज की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का काम उन्होंने किया है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत के संस्कार में सहकार की आत्मा बसती है। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि  मध्य प्रदेश में 4500 पैक्स सामान्य सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किये गये हैं। 

अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का फायदा यह हुआ है कि देश में खाद्यान्न उत्पादन 31.4 करोड़ टन को पार कर गया है। कृषि उपज की मार्केटिंग को सुचारू और अत्याधुनिक करने के लिए कई कार्य किये गये हैं। इनमें ई -नाम प्रमुख है। ई -नाम से देश की एक हजार मंडियां जुड़ चुकी हैं। पौने दो करोड़ किसान और ढाई लाख व्यापारी इस पर पंजीकरण करा चुके हैं। ई-नाम से 20 राज्यों के 2100 से ज्यादा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ने का काम किया गया है। यह एक पारदर्शी व्यवस्था है जिसके चलते किसानों को बेहतर दाम मिल रहा है।  ई-नाम पर अब तक दो लाख करोड़ रूपये का कारोबार हो चुका है।

गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा देश से कृषि उत्पादों का निर्यात 50 अरब डॉलर को पार कर चुका है जो कृषि और सहकारिता क्षेत्र के लिए बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि पैक्स से अपैक्स तक एक मजबूत मार्केटिंग व्यवस्था के लिए नेफेड के साथ-साथ जिला  व तहसील के फेडरेशनों को भी मार्केटिंग के साथ जोड़ना होगा। भारत सरकार पैक्स को बहुद्देश्यीय बनाने के लिए अनेक बातें इसके साथ जोड़ रहे हैं। हम पैक्स पर एक मॉडल एक्ट लेकर आ रहे हैं। इसके लिए विचार-विमर्श किया गया है।  एक माह के भीतर ही हम पैक्स के मॉडल बायलाज को देश के सभी राज्यों को भेजेंगे। इससे पैक्स एफपीओ की योग्यता हासिल कर लेंगे और किसानों की उपज खरीदकर नेफेड और स्टेट फेडरेशंस को दे पाएंगे। पैक्स स्टोरेज क्षमता भी स्थापित कर सकेंगे और परिहन व गैस एजेंसी लेने के काम भी कर सकेंगे। सरकार इनके साथ ही 22 गतिविधियों को जोड़ने जा रही है। इनके माध्यम से किसानों को अधिक फायदा होगा और बेहतर दाम मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि अब नेफेड को भई अधिक काम का दायरा बढ़ाना होगा और टेक्नोलॉजी का उपयोग इसे मजबूत करना होगा। सहकारिता की मजबूत व्यवस्था के जरिये मुनाफा सीधे किसानों के पास जाएगा। वहीं कारपोरेट खेती की जगह कोआपरेटिव खेती को बढ़ावा मिलेगा। अमित शाह ने कहा कि इफको, कृभको और अमूल हमारी सक्सेस स्टोरी है। सभी पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। सहकारिता विश्वविद्यालय भी स्थापित किया जा रहा है। जल्द ही सहकारिता क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का अनुभव कर पाएंगे।

इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर  ने कहा कि भारत के संस्कार में सहकार की आत्मा बसती है। प्रधानमंत्री जी  ने इसी  भावना समझते हुए देश में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने का बीड़ा उठाया है। तोमर ने कहा कि सहकारिता का क्षेत्र भाव जितना प्रबल होगा, उतनी ही प्रगति होगी और उतनी ही देशज भावना विकसित होगी। हम एक-दसूरे
का सहयोग कर एक-दसूरे की ताकत बढ़ाएंगे और मदद करेंगे तो इसका परिणाम देश की ताकत बढ़ाने के
रूप में होगा। सहकारिता में पवित्रता व पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है। तोमर ने कहा कि इफको व अमूल दुनिया के सबसे बड़े सहकारिता संगठन होकर देश व सहकारिता का गौरव बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सहकार
से समद्धि की परिकल्पना गुजरात के मुख्यमंत्री के रहते की व प्रधानमंत्री बनने के बाद देश भर में इसके लिए
कदम उठाए हैं। तोमर ने कहा कि पीएम चाहते हैं कि आम लोग, आम ग्रामवासी, आम किसान आगे बढ़े,
वे सहकारिता से जुड़े और स्वयं के साथ ही देश को भी आत्मनिर्भर बनाएं, इसलिए पीएम ने अलग से
सहकारिता मंत्रालय बनाया व सहकारिता मंत्री के रूप में यह जिम्मेदारी अमित शाह को दी, जो
आज भी गुजरात में अपनी पैक्स के अध्यक्ष हैं व  उन्होंने वर्षों तक सहकारिता के क्षेत्र में काम किया
है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सहकारिता भारत की माटी में है, सबके भीतर है, एक सबके लिए
और सब एक के लिए सहकारिता है। सहकारिता के इसी भाव को ध्यान में  मोदीजी ने अलग से
सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। सीएम ने बताया कि म.प्र. में सहकारिता क्षेत्र में कई कदम उठाए गए
हैं, पैक्स के कम्प्यूटीकरण का काम किया जा रहा है। 4,500 से ज्यादा पैक्स को सामान्य सुविधा केंद्र के
रूप में विकसित किया है। नई सहकारिता नीति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। सहकारिता के सिद्धांतों के
अधार पर संस्थाओं को मजबूत बनाना एव इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करना भी उद्देश्य है।
कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी.एल वर्मा, मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, सहकारिता
मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, केंद्रीय सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार, नेफेड अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र सिंह, नेफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजबीर सिंह, इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी, कृभको अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह भी मौजूद थे।

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