बेयर का कारगिल से एमओयू, छोटे किसानों को डिजिटली  सशक्त बनाने और उनकी बाजार पहुंच बढ़ाने पर होगा फोकस

कृषि एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी लाइफ साइंस क्षेत्र की ग्लोबल कंपनी बेयर (Bayer) ने अंतरराष्ट्रीय खाद्य कंपनी कारगिल (Cargill) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस रणनीतिक साझेदारी का लक्ष्य किसानों को नवीनतम तकनीक प्रदान करते हुए कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना और किसानों को उनकी उपज का वास्तविक मूल्य दिलाना है। साथ ही इस साझेदारी के जरिये छोटे किसानों की बाजार पहुंच को और बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी।

बेयर का कारगिल से एमओयू, छोटे किसानों को डिजिटली  सशक्त बनाने और उनकी बाजार पहुंच बढ़ाने पर होगा फोकस
एमओयू पर हस्ताक्षर करते बेयर और कारगिल के अधिकारी।

कृषि एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी लाइफ साइंस क्षेत्र की ग्लोबल कंपनी बेयर (Bayer) ने अंतरराष्ट्रीय खाद्य कंपनी कारगिल (Cargill) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस रणनीतिक साझेदारी का लक्ष्य किसानों को नवीनतम तकनीक प्रदान करते हुए कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना और किसानों को उनकी उपज का वास्तविक मूल्य दिलाना है। साथ ही इस साझेदारी के जरिये छोटे किसानों की बाजार पहुंच को और बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी।

इसके लिए स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) संचालित और मोबाइल पर चलने वाले कारगिल के 'डिजिटल साथी' जैसे प्लेटफॉर्म और 5 लाख से ज्यादा किसानों की सहायता कर रहे बेयर के 'बेटर लाइफ फार्मिंग सेंटर्स' जैसे माध्यमों की क्षमताओं का लाभ उठाया जाएगा।  बेयर और कारगिल साथ मिलकर किसानों को विभिन्न डिजिटल समाधानों से सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इनमें डिस्कशन फोरम एवं बाजार में चल रही कीमतों की जानकारी, मौसम का पूर्वानुमान और फसल के पहले व बाद के अनुमान जैसे समाधान शामिल हैं। बेयर की ई-कॉमर्स रणनीति के तहत डिजिटल साथी ऐप के माध्यम से स्थान विशेष के मुताबिक विकसित समाधान को विस्तार दिया जाएगा। इसकी शुरुआत कर्नाटक में मक्का की खेती से की जाएगी और फिर इसे अन्य फसलों व अन्य क्षेत्रों तक विस्तार दिया जाएगा।

इस साझेदारी के माध्यम से डिजिटल साथी प्लेटफॉर्म पर बेयर के कॉर्न पोर्टफोलियो डीकाल्ब (DEKALB) तक किसानों की पहुंच भी सुनिश्चित होगी जिससे उनकी कृषि क्षमता में सुधार होगा। डिजिटल साथी ऐप में फसल इनपुट, ई-कॉमर्स और फसल बिक्री के ऑफर से जुड़े फीचर्स भी उपलब्ध हैं जिससे उच्च-गुणवत्ता वाली फसल इनपुट तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित हुई है और डिजिटल तरीके से संचालित मार्केटप्लेस के माध्यम से किसानों एवं एग्रीगेटर्स के बीच मार्केट लिंकेज भी स्थापित हुआ है। इस एकीकृत दृष्टिकोण का लक्ष्य किसानों की निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना, कृषि से जुड़ी प्रक्रियाओं को सुगम बनाना और कृषि क्षेत्र की पूरी व्यवस्था के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करना है।

डिजिटल साथी से 50 हजार से ज्यादा छोटे किसान जुड़े हैं। 2027 तक कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश समेत आठ राज्यों में इससे 30 लाख किसानों के जुड़ने का अनुमान है। कारगिल ने वैश्विक स्तर पर 2030 तक 1 करोड़ किसानों के लिए बाजार पहुंच को बेहतर करने और उन्हें पर्यावरण के अनुकूल खेती की प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है।

भारत, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में बेयर के क्रॉप साइंस डिवीजन के कंट्री डिवीजनल हेड साइमन थॉर्टन वीबुश ने कहा, 'परामर्श, गुणवत्तापूर्ण इनपुट, क्रेडिट, टेक्नोलॉजी और बाजार तक पहुंच छोटे किसानों के लाभ की अहम कड़ी हैं और यह साझेदारी पूरी तरह से इन्हीं पर केंद्रित है। इस पूरे प्रयास के लिए डिजिटलीकरण बहुत अहम है। इसीलिए हम सभी संबंधित डिजिटल उपकरण का लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हम सुनिश्चित कर पाएं कि छोटे किसानों को अधिकतम लाभ और बराबरी का मौका मिले।'

भारत में कारगिल के प्रेसिडेंट साइमन जॉर्ज ने कहा, 'हम नए डिजिटल सॉल्यूशंस विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। बेयर के साथ किसानों के लिए उत्पादक एवं लाभदायक व्यवस्था तैयार करने की दिशा में इस साझेदारी से हम उत्साहित हैं। पर्यावरण के अनुकूल एवं समृद्ध कृषि की दिशा में हमारे सफर में यह साझेदारी अहम पड़ाव है। अपनी साझा क्षमताओं, विशेषज्ञता और वैश्विक नेटवर्क का लाभ लेते हुए हम दुनियाभर में किसानों का सहयोग करने एवं एक मजबूत व समावेशी खाद्य व्यवस्था तैयार करने की अपनी प्रतिबद्धता पर टिके रहेंगे।'

डिजिटल साथी के संस्थापक रमन सक्सेना ने कहा, 'हमने इसी साल अपने प्लेटफॉर्म पर फार्म एडवाइजरी सब्सक्रिप्शन और फार्म मैनेजमेंट सर्विस (सॉइल टेस्टिंग) की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि संबंधी जरूरतों के लिए संपूर्ण समाधान उपलब्ध कराना है। इस साझेदारी के माध्यम से हमारा लक्ष्य एग्री इनपुट मार्केटप्लेस के जरिये किसानों को उनकी उपज बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण इनपुट एवं क्रियान्वयन तक व्यापक पहुंच प्रदान करना है। साथ ही किसानों की आय को बढ़ाते हुए एक व्यापक समाधान देना भी है।'

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