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Harvir Singh
RuralVoice.in एक ऐसा मीडिया प्लेटफार्म है जो रुरल अर्बन के बीच के विभाजन के बीच सूचना की खाई को करने के साथ ग्रामीण भारत की खबरों और उसके लिए जरूरी सूचना को प्राथमिकता देने का काम करता है। यह एक नालेज आधारित नया मीडिया स्टार्ट- अप है। इसे एग्रीकल्चर, रुरल, इकोनामी, पालिटिक्स और बिजनेस रिपोर्टिंग के तीस साल के अनुभवी जर्नलिस्ट हरवीर सिंह ने शुरू किया है। प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यमों में विभिन्न लीडरशिप स्तरों पर देश के बड़े मीडिया समूहों में काम करने का अनुभव उनके पास है। इसके पहले वह आउटलुक हिंदी के संपादक रहे हैं। वहीं उन्होंने मनी भास्कर के संपादक के रूप में और बिजनेस भास्कर के इकोनामिक एडिटर के रूप में दैनिक भास्कर समूह में काम किया। इसके अलावा वह दैनिक हिंदुस्तान और अमर उजाला समूह में सीनियर लीडरशिप पाजिशंस में रहे हैं। हरवीर सिंह के नेतृत्व में प्रोफेशनली ट्रेंड और कमिटेड जर्नलिस्ट्स की एक टीम इस संस्थान के लिए काम कर रही हैं। इस नेटवर्क को देश के अधिकांश हिस्सों तक ले जाने की योजना है। रिपोर्टिंग और लेखन का एक ही मूलमंत्र है कि यह किसी भी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पूर्वाग्रह से मुक्त होगा। RuralVoice.in के कंटेंट का केंद्र बिंदु ‘भारत’ यानी रुरल इंडिया रहेगा।
यूपी चुनाव में क्यों इतने महत्वपूर्ण हो गये जाट
ऐसा क्या हो गया कि उत्तर प्रदेश में केवल चार फीसदी आबादी वाली जाट बिरादरी इतनी महत्वपूर्ण...
यूपी चुनावः पहले चरण में गठबंधन के साथ सीधी टक्कर में भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ीं
मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन...
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान में भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला
पिछले तीन चुनावों में पहले चरण का मतदान इस इलाके में ही हुआ था और वह भाजपा के लिए...
सरकार से नाराज हर वर्ग हमारे साथ हैः इक़रा हसन
2017 में भाजपा यहां से हारी थी, जब उसने पलायन का मुद्दा उठाया था। फिर हमने 2018...
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में सामान्य दौर की वापसी के संकेत
मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, देवबंद, मेरठ, बिजनौर और गाजियाबाद के खासतौर से ग्रामीण...
पश्चिम यूपी में गुरुवार को मतदान, यहां की राजनीति में गन्ना और चीनी उद्योग क्यों है सदाबहार
राज्य में गन्ना और चीनी उद्योग की कामयाबी में मुलायम, मायावती और योगी सरकारों की...
कृषि बजट में यथास्थिति और अमृतकाल में प्राकृतिक खेती से उम्मीद
पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों के करीब होने के बावजूद बजट में किसानों के लिए...
चालू सीजन में यूपी के गन्ना किसानों का 7,000 करोड़ बकाया, पिछले सीजन के भी 1,500 करोड़ बाकी
मिलों ने पेराई सत्र 2021-22 में 25 जनवरी तक 465.26 लाख टन गन्ना किसानों से खरीदा,...
सरकार और दलों की केंद्रीकृत व्यवस्था से कद्दावर नेताओं में बेचैनी
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनावों के ऐन पहले पिछले दिनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)...
बजट में खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में हो सकती है कटौती, इस साल इसके पांच लाख करोड़ से अधिक रहने की संभावना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब एक फरवरी को आगामी वित्त वर्ष 2022-23 का बजट संसद...
रिकवरी बढ़ने से चीनी मिलों को सालाना 3000 करोड़ अतिरिक्त फायदा हुआ, जबकि किसानों के लिए गन्ने का एसएपी था फ्रीज
उत्तर प्रदेश में 2018-19 से 2020-21 तक तीन पेराई सत्र में चीनी मिलों को गन्ने में...
पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव तय करेंगे किसानों और उनके मुद्दे का राजनीतिक असर
पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव जो भी नतीजे लेकर आएंगे उसका दूरगामी असर देश की राजनीति,...
तेलंगाना ने उत्तर प्रदेश से आलू आने पर लगाई रोक, इस फैसले के राजनीति रंग लेने की संभावना
तेलंगाना सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की...
क्यों चंपारण और खेड़ा के किसान आंदोलनों से बड़ा है मौजूदा किसान आंदोलन
आज यानी 11 दिसंबर को गुरू ग्रंथ साहिब के पाठ और हवन के बाद किसान दिल्ली की सीमाओं...
संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन समाप्ति का फैसला, किसान 11 दिसंबर को खाली करेंगे मोर्चे
केंद्र सरकार और किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बीच आंदोलन समाप्त करने...
सरकार के साथ बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी गठित, एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग कायम
शनिवार को सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की मैराथन बैठक में सरकार के साथ बातचीत...