देश के 150 प्रमुख जलाशयों का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले 21 फीसदी कम
देश के प्रमुख जलाशयों में जलस्तर पिछले साल की तुलना में 21 फीसदी कम हो गया है। सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, देश के 150 प्रमुख जलाशयों में जल की मात्रा 38.491 बिलियन क्यूबिक मीटर है, जो उनकी क्षमता का 22 फीसदी है। पिछले साल इसी अवधि तक इन जलाशयों में 48.592 बीसीएम पानी था।
देश में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता को लेकर चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। मानसून सीजन के दौरान अभी तक देश में कम बारिश के चलते प्रमुख जलाशयों का जल स्तर चिंताजनक रूप से कम बना हुआ है। देश के 150 प्रमुख जलाशयों में जल स्तर पिछले वर्ष की तुलना में 21 फीसदी कम है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बुलेटिन के अनुसार, 13 जून को देश के 150 प्रमुख जलाशयों में जलस्तर 38.491 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो उनकी कुल क्षमता का सिर्फ 22 फीसदी है। पिछले साल इसी अवधि में इन जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण 48.592 बीसीएम था जबकि सामान्य तौर पर इन जलाशयों में 42 बीसीएम पानी रहता है । इस प्रकार जलाशयों के जल स्तर में पिछले साल के मुकाबले 21 फीसदी और सामान्य जल संग्रह के मुकाबले 8 फीसदी की कमी आई है।
वहीं, 150 में से 28 जलाशयों में सामान्य जल भंडारण क्षमता का 50 फीसदी, 85 जलाशयों में सामान्य भंडारण क्षमता का लगभग 80 फसदी और 65 जलाशयों में सामान्य भंडारण क्षमता का 80 फीसदी या उससे कम पानी मौजूद है। सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट बताती है की जलाशयों में जल स्तर की स्थिति को लेकर दक्षिण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित है। दक्षिण क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 42 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 53.334 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल संग्रहण क्षमता 7.568 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 14 फीसदी है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रहण 22 फीसदी था। इस प्रकार, चालू वर्ष के दौरान संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण से कम है।
इसी तरह पूर्वी क्षेत्र के जलाशयों में कुल क्षमता का सिर्फ 21 फीसदी पानी ही मौजूद है। पूर्वी क्षेत्र में असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और बिहार राज्य शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 23 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 20.430 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल संग्रहण क्षमता 4.380 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 21 फीसदी है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रहण 19 फीसदी था। इस प्रकार, चालू वर्ष के दौरान संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बेहतर है।
बात अगर पश्चिमी क्षेत्र की करें तो इसमें गुजरात और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 49 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 37.130 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल संग्रहण 7.931 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 21.36 फीसदी है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रहण 24 फीसदी था। इस प्रकार, चालू वर्ष के दौरान संग्रहण पिछले वर्ष के संग्रहण से कम है।
मध्य क्षेत्र के जलाशयों में कुल क्षमता का सिर्फ 26.73 फीसदी पानी ही मौजूद है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रहण 34 फीसदी था। इस प्रकार, चालू वर्ष के दौरान संग्रहण पिछले वर्ष के संग्रहण से कम है। मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य शामिल हैं। वहीं, उत्तरी क्षेत्र में जलाशयों में कुल क्षमता का सिर्फ 29 फीसदी पानी ही मौजूद है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रहण 39 फीसदी था। इस प्रकार, चालू वर्ष के दौरान संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम है। उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान राज्य शामिल हैं।

Join the RuralVoice whatsapp group















