नेचुरल फार्मिंग पर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए आईसीएआर ने पैनल गठित किया

आईसीएआर ने नेचुरल फार्मिंग को स्नातक और स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए एक आठ सदस्यीय पैनल गठित किया है। इस पैनल का अध्यक्ष प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद के कुलपति डॉ. प्रवीण राव को बनाया गया है

नेचुरल फार्मिंग पर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए आईसीएआर ने पैनल गठित किया

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने नेचुरल फार्मिंग के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का एक आठ सदस्यीय पैनल गठित किया है। इस पैनल का अध्यक्ष प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद के कुलपति डॉ. प्रवीण राव को बनाया गया है। 

इस पैनल में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान के प्रोफेसर ई सोमसुंदरम, महाराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के रिसर्च डायरेक्टर एस के शर्मा, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली और भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मेऱठ के प्रधान वैज्ञानिक रणवीर सिंह शामिल है ।

आईसीएआर द्वारा नियुक्त पैनल प्राकतिक खेती के हितधारकों और विभिन्न कृषि महाविद्यालयों के साथ विचार विमर्श करेगी  और स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों लिए  नेचुरल फार्मिंग पर पाठ्यक्रम तैयार करेगा।

आईसीएआर की  एक अधिसूचना में कृषि अनुसंधान संस्थानों और केवीके को देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच प्राकृतिक खेती के लाभों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने को कहा है। शून्य बजट और प्राकृतिक खेती पर पाठ्यक्रम विकसित करने और इसे स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर की पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने को कहा गया है ।

आईसीएआर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से छात्रों को लैस करने का निर्णय लिया है। असल में जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग को लेकर देश में काफी चर्चा है यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात में एक समिट मे प्राकृतिक  खेती की वकालत करने के बाद यह निर्णय लिए जा रहे हैं

आईसीएआर ने इसके पहले  एक अधिसूचना में कृषि अनुसंधान संस्थानों और केवीके को देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच प्राकृतिक खेती के लाभों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने को कहा था। शून्य बजट और प्राकृतिक खेती पर पाठ्यक्रम विकसित करने और इसे स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर की पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने को कहा गया है ।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!