उपलब्धता बढ़ने से विश्व बाजार में गेहूं के दाम में गिरावट का रुख

वैश्विक गेहूं बाजार में इस साल कमजोरी का रुख बना हुआ है। जनवरी के आखिरी सप्ताह में उत्तरी गोलार्ध में ठंड के कारण दाम में कुछ वृद्धि हुई, इसके बावजूद यूएस व्हीट एसोसिएट्स (यूएसडब्लू) का कहना है कि कीमतों में नरमी का रुख बरकरार है। इंटरनेशनल ग्रेन्स काउंसिल (आईजीसी) ने 11 जनवरी की रिपोर्ट में बताया कि नवंबर के मध्य की रिपोर्ट की तुलना में दाम एक प्रतिशत कम हुए हैं। 

उपलब्धता बढ़ने से विश्व बाजार में गेहूं के दाम में गिरावट का रुख

वैश्विक गेहूं बाजार में इस साल कमजोरी का रुख बना हुआ है। जनवरी के आखिरी सप्ताह में उत्तरी गोलार्ध में ठंड के कारण दाम में कुछ वृद्धि हुई, इसके बावजूद यूएस व्हीट एसोसिएट्स (यूएसडब्लू) का कहना है कि कीमतों में नरमी का रुख बरकरार है। इंटरनेशनल ग्रेन्स काउंसिल (आईजीसी) ने 11 जनवरी की रिपोर्ट में बताया कि नवंबर के मध्य की रिपोर्ट की तुलना में दाम एक प्रतिशत कम हुए हैं। 

आईजीसी के अनुसार पर्याप्त उपलब्धता के चलते पिछले साल के अंत में गेहूं के दाम ढाई साल के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। उसके बाद दाम तेजी से बढ़े भी, लेकिन यह स्थिति बहुत थोड़े समय के लिए रही। निर्यात की अनिश्चितता को लेकर फ्रांस में भी दाम नीचे आए हैं। 

अमेरिकी कृषि विभाग की विदेशी कृषि सेवा (एफएएस) ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका में दिसंबर की तुलना में गेहूं के दाम घटने की बात कही है। इसका कहना है कि ग्लोबल मार्केट में पर्याप्त सप्लाई, दक्षिणी गोलार्ध के देशों की उपज बाजार में आने से बढ़ी प्रतिस्पर्धा और अमेरिकी डॉलर मजबूत होने के कारण ग्लोबल मार्केट में गेहूं के दाम नीचे आए हैं। चीन से कम मांग के चलते सॉफ्ट रेड विंटर गेहूं 14 डॉलर कम हो कर 259 डॉलर प्रति टन रह गया। हार्ड रेड वैरायटी के दाम भी भी 14 डॉलर की गिरावट आई और यह 304 डॉलर प्रति टन पर आ गया।

वर्ल्ड ग्रेन पत्रिका ने अपने फरवरी के अंक में यूएसडब्लू के हवाले से लिखा है कि फ्रांस और जर्मनी में हाल में मौसम ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से बुवाई में भी देरी हुई। जर्मनी में जाड़ों की गेहूं की फसल का रकबा सात प्रतिशत कम रहा है। अमेरिका में भी सर्दी के मौसम ने गेहूं की खेती वाले इलाकों को प्रभावित किया है। 

आईजीसी ने वर्ष 2023-24 के लिए आटे के ग्लोबल ट्रेड अनुमान में भी संशोधन किया है। इसका कहना है कि इस वर्ष 147 लाख टन आटे का ट्रेड होने की उम्मीद है। यह अक्टूबर के पिछले अनुमान से दो लाख टन ज्यादा है। तुर्किये से उप-सहारा अफ्रीका को सप्लाई बढ़ने के कारण कुल ट्रेड में बढ़ोतरी हुई है। तुर्किये दुनिया का सबसे बड़ा आटा सप्लायर है। आईजीसी ने तुर्की से 58 लाख टन आटा निर्यात का अनुमान जताया है। यह 2022-23 में 49 लाख टन था।

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