संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में कृषि खाद्य प्रणाली के प्रभावी समाधान खोजने पर रहेगा फोकस

कार्बन फुटप्रिंट और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराने के तरीके ढूंढना मुख्य चुनौती है। सीओपी28 सरकारों, कारोबारों, गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं के लिए सहयोगात्मक रूप से ठोस समाधान तैयार करने के लिए एक गठजोड़ के रूप में काम करेगा। संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) इस प्रयास में सबसे आगे रहेगा।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में कृषि खाद्य प्रणाली के प्रभावी समाधान खोजने पर रहेगा फोकस

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी28) 2023 का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, जलवायु संकट से निपटने के लिए नए-नए समाधानों की ओर दुनिया का ध्यान जा रहा है। जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के वैज्ञानिकों ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए जलवायु लचीली विकास और खाद्य एवं कृषि क्षेत्रों सहित समग्र उपायों में अनुकूल प्रभावी समाधान निहित हैं।

कृषि खाद्य प्रणालियां ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में लगभग एक तिहाई का योगदान करती हैं। इनमें सकारात्मक जलवायु कार्रवाई की बड़ी संभावना है। कार्बन फुटप्रिंट और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराने के तरीके ढूंढना मुख्य चुनौती है। सीओपी28 सरकारों, कारोबारों, गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं के लिए सहयोगात्मक रूप से ठोस समाधान तैयार करने के लिए एक गठजोड़ के रूप में काम करेगा। संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) इस प्रयास में सबसे आगे रहेगा।

बढ़ते जलवायु प्रभावों और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कटौती पर धीमी प्रगति के बीच टिकाऊ कृषि खाद्य प्रणाली प्रथाएं देशों और समुदायों को अनुकूल एवं लचीली बनाने और उत्सर्जन को कम करने, खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करने में मदद कर सकती हैं।

एफएओ के ऑफिस ऑफ क्लाइमेंट चेंज, बायोडायवर्सिटी और इन्वायरमेंट (ओसीबी) के डायरेक्टर कावेह जाहेदी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हमारे पास पहले से ही समाधान हैं। इनमें से कई समाधान, चाहे वह कृषि वानिकी, मिट्टी को ठीक करने, टिकाऊ पशुधन या मत्स्य पालन प्रबंधन हों, के कई लाभ हैं क्योंकि वे जैव विविधता के स्थायी उपयोग का समर्थन करने के साथ-साथ मदद भी कर सकते हैं। खाद्य सुरक्षा के साथ एक ही समाधान से कई लाभ केवल कृषि और खाद्य प्रणालियां प्रदान करती हैं।”

सीओपी में एफएओ उन परियोजनाओं के उदाहरणों के साथ कुछ यूनिक कृषि खाद्य प्रणाली पहलों का प्रदर्शन करेगा जो जमीन पर बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम क्लाइमेट फाइनेंस को इन समाधानों की ओर बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहते हैं।" जाहेदी ने चेताया कि फाइनेंस में बड़ी वृद्धि के बिना कृषि और खाद्य प्रणालियों में काम करने वाले लोगों की  अतिसंवेदनशीलत को कम करना और क्षेत्र से उत्सर्जन को कम करना संभव नहीं होगा। अकेले 2021 में 16 अरब टन ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन हुआ था।

कृषि खाद्य प्रणालियां और समझौते

एफएओ उन देशों का भी समर्थन करेगा जो कृषि और खाद्य सुरक्षा पर जलवायु कार्रवाई के कार्यान्वयन पर आधिकारिक वार्ता और शर्म अल-शेख के संयुक्त कार्य के माध्यम से इन मुद्दों पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। जाहेदी ने कहा कि "यह संयुक्त कार्य बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कृषि खाद्य प्रणालियों पर चर्चा को कुछ हद तक बातचीत प्रक्रिया के केंद्र में लाता है और हमें समाधानों के बारे में बात करने को प्रेरित करता है।''

सीओपी28 में इस संयुक्त कार्य के लिए एक कार्य योजना पर बातचीत होगी जिसमें जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के भीतर एक समन्वय संरचना भी शामिल है। इस दौरान वार्ताकार वित्त पोषण के अवसर भी तलाशेंगे। इस वर्ष के एजेंडे में  एक और महत्वपूर्ण चर्चा शामिल है जो पिछले साल सीओपी27 में नुकसान और क्षति कोष बनाने पर हुई सहमति से संबंधित है। विकासशील देश दशकों से यह फंड बनाने की अपील कर रहे हैं। इस फंड का उद्देश्य उन देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हैं लेकिन जिन्होंने जलवायु परिवर्तन में सबसे कम योगदान दिया है। इस पहल को कैसे क्रियान्वित किया जाए इस पर सीओपी28 में चर्चा होगी।

जाहेदी ने कहा, “हमें उत्सर्जन में कमी लानी होगी। साथ ही हमें अनुकूलता से भी निपटना होगा क्योंकि जलवायु बदल रही है। मगर एक ऐसा समय आता है जब अनुकूलता संभव नहीं रह जाती है और यहीं पर हानि और क्षति सामने आती है। यह फंड उन लोगों, समुदायों, विशेष रूप से खेती और कृषि समुदायों की मदद करने के लिए महत्वपूर्ण होगा जो जलवायु प्रभाव की इस चुनौती से जूझने में सबसे अंतिम पायदान पर हैं।

इस वर्ष के सम्मेलन में सरकारें पेरिस समझौते के एक हिस्से पहले ग्लोबल स्टॉकटेक, जलवायु संकट पर दुनिया की प्रतिक्रिया का आकलन करने और आगे बढ़ने का एक बेहतर तरीका तैयार करने के प्रमुख साधन पर भी निर्णय लेंगी। यूएनएफसीसीसी ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जो सरकारों को सीओपी28 में ग्लोबल स्टॉकटेक पर निर्णय लेने में मदद करने के लिए डिजाइन की गई है।

जाहेदी ने कहा कि एनर्जी स्मार्ट कृषि कृषि खाद्य क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने, कृषि में ऊर्जा दक्षता और स्थिरता में सुधार लाने और कृषि के सह-उत्पादों से जैव ऊर्जा उत्पादन के अवसरों को भुनाने में भी मदद कर सकती है।

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