असमान्य बारिश से 4.5 फ़ीसदी घटा धान का रकबा, दलहन और तिलहन में भी गिरावट

देश में असमान्य बारिश के काऱण सबसे ज्यादा असर धान की खेती पर पड़ा है। इस साल धान की खेती के रकबे में भारी कमी आई है। कृषि मंत्रालय की ओर से आज जारी  किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस बार धान की बुवाई के रकबे में 4.5 फीसदी की कमी आई है ।पिछले साल की तुलना में  इस साल 18.90 लाख हेक्टेयर धान की बुवाई का रकबा घटा है।

असमान्य बारिश से 4.5 फ़ीसदी घटा धान का रकबा, दलहन और तिलहन में भी गिरावट

देश में असामान्य बारिश का सबसे ज्यादा असर धान की खेती पर पड़ा है। इस साल धान के रकबे में कमी आई है। कृषि मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस बार धान की बुवाई के रकबे में 4.5 फीसदी की कमी आई है। इस बार धान का रकबा घटकर 399.03 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल इस समय 417.93 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल धान का रकबा 18.90 लाख हेक्टेयर घटा है।

बारिश नहीं होने के कारण झारखंड में 9.37 लाख, मध्य प्रदेश में 6.32 लाख,  उत्तर प्रदेश में 2.45 लाख जबकि बिहार में 1.91 लाख हेक्टेयर में धान की खेती नहीं हो पाई है। खरीफ सीजन की सभी फसलों का रकबा 1,092.92 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल की तुलना में 8.952 लाख हेक्टेयर कम है। पिछले साल इस समय तक सभी फसलों का रकबा 1101.87 लाख हेक्टेयर था।

धान के अलावा दलहन का रकबा चार प्रतिशत गिरकर 131.92 लाख हेक्टेयर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 137.50 लाख हेक्टेयर था। तिलहनी फसलों के रकबे में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। इस बार 190.91 लाख हेक्टयर में तिलहनी फसलों की बुवाई की गई है जबकि पिछले साल इसी दौरान 192.23 लाख हेक्टयर में तिलहनी फसलों की बुवाई की गई थी।

हालांकि मोटे-सह-पोषक अनाज की बुवाई में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पिछले साल  के 174.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुवाई की गई थी, जबकि इस बार यह क्षेत्रफल 181.31लाख हेक्टेयर है।

नकदी फसलों में कपास और गन्ना का रकबा बढ़ा है। कपास का रकबा इस साल 127.15 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल की तुलना में 8.91 लाख हेक्टयर अधिक है। यह पिछले साल 118.24 लाख हेक्टयर  था।  गन्ने का रकबा इस साल 55.65 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल 54.97 लाख हेक्टेयर था ।

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