मौजूदा सीजन में भारत से रिकॉर्ड 85 लाख टन चीनी निर्यात होने की उम्मीद

मार्च 2022 तक 518 घरेलू चीनी मिलों ने लगभग 309.87 लाख चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल समान अवधि में 278.71 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। अभी पूरे देश में 366 मिलों में पेराई चल रही है और 152 में पेराई का काम पूरा हो चुका है

मौजूदा सीजन में भारत से रिकॉर्ड 85 लाख टन चीनी निर्यात होने की उम्मीद

मौजूदा सीजन 2021-22 में भारत से रिकॉर्ड 85 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है। चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि अभी तक 72 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हो चुके हैं। इसमें से मार्च 2022 तक 57 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है।

इस्मा के अनुसार अंतरराष्ट्रीय ट्रेड हाउस का आकलन है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार भारत से मौजूदा सीजन में 85 लाख टन चीनी निर्यात की उम्मीद कर रहा है। चीनी का मार्केटिंग वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है।

एथेनॉल के बारे में इस्मा ने बताया कि तेल मार्केटिंग कंपनियों ने 4.16 अरब लीटर के आशय पत्र जारी किए हैं। इसमें से चार अरब लीटर एथेनॉल का सौदा हो चुका है और अभी तक 1.32 अरब लीटर एथेनॉल की सप्लाई हो चुकी है। दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के दौरान भारत में ईंधन में एथेनॉल का मिश्रण 9.6 प्रतिशत हो गया है।

इस बीच मार्च 2022 तक 518 घरेलू चीनी मिलों ने लगभग 309.87 लाख चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल समान अवधि में 278.71 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। अभी पूरे देश में 366 मिलों में पेराई चल रही है और 152 में पेराई का काम पूरा हो चुका है।

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य हैं। महाराष्ट्र में पिछले साल के 100 लाख टन की तुलना में अभी तक 119 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस सीजन में वहां 30 मिलों में पेराई पूरी हो चुकी है। यह मिलें ज्यादातर कोल्हापुर और सोलापुर क्षेत्र में हैं।

उत्तर प्रदेश पिछले साल की तुलना में अभी तक कम चीनी उत्पादन हुआ है। पिछले साल इस अवधि में यहां 93.7 एक लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस बार 120 मिलों ने 87.5 लाख टन चीनी उत्पादन किया है। यहां अब तक 32 मिलें बंद हो चुकी हैं।

कर्नाटक में उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। यहां मिलों ने पिछले साल के 42.38 लाख टन की तुलना में 58 लाख चीनी का उत्पादन किया। अभी तक वहां 51 मिलों में पेराई का काम पूरा हो चुका है। महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में भी इस बार रिकॉर्ड चीनी उत्पादन हुआ है। गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा ने भी राष्ट्रीय चीनी उत्पादन में योगदान किया है।

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