जलवायु परिवर्तन की समस्या बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करने की जरूरत: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि उन खाद्य पदार्थों से दूर रहने की जरूरत है जो जलवायु परिवर्तन की समस्या को बढ़ाते हैं। साथ ही स्वस्थ खाद्य पदार्थों को चुनने की जरूरत है जो प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में भुखमरी की समस्या पर भी चिंता जताई और कहा कि "बड़े पैमाने पर हो रही भुखमरी" वितरण की कमी के कारण है, जबकि दुनिया पर्याप्त अनाज का उत्पादन कर रही है।

जलवायु परिवर्तन की समस्या बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करने की जरूरत: राष्ट्रपति
वर्ल्ड फूड इंडिया के समापन सत्र में शिरकत करतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस (बाएं)।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि उन खाद्य पदार्थों से दूर रहने की जरूरत है जो जलवायु परिवर्तन की समस्या को बढ़ाते हैं। साथ ही स्वस्थ खाद्य पदार्थों को चुनने की जरूरत है जो प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में भुखमरी की समस्या पर भी चिंता जताई और कहा कि "बड़े पैमाने पर हो रही भुखमरी" वितरण की कमी के कारण है, जबकि दुनिया पर्याप्त अनाज का उत्पादन कर रही है।

वह यहां वर्ल्ड फूड इंडिया (डब्ल्यूएफआई) कार्यक्रम के समापन सत्र में बोल रही थीं। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम (3-5 नवंबर) के दौरान लगभग 35,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई गईं। वर्ल्ड फूड इंडिया का पहला संस्करण 2017 में आयोजित किया गया था, लेकिन उसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण इसे आयोजित नहीं किया जा सका।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस बात दु:ख जताया कि विश्‍व के कई भागों में लोग बड़ी संख्या में भूखे पेट सोते हैं। यह मानव जाति द्वारा अर्जित की गई बड़ी से बड़ी आर्थिक और तकनीकी प्रगति पर बदनुमा दाग है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बड़े पैमाने पर हो रही भुखमरी का मुख्‍य कारण खाद्यान्‍न उत्‍पादन की कमी नहीं, बल्कि उसके ठीक वितरण की कमी है।

हम जो हम खाते हैं उसकी पर्यावरणीय लागत की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अब वह समय आ गया है जब हमें अपना खान-पान का इस तरह चयन करना होगा, जिससे प्रकृति को किसी भी तरह का नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि हमें उन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने के लिए सचेत निर्णय लेने की जरूरत है जो जलवायु परिवर्तन की समस्या को बढ़ाते हैं। हमें उन खाद्य पदार्थों की ओर जाना चाहिए जो न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारे ग्रह के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हों।

इस अवसर पर उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सराहना करते हुए कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया को भारत की समृद्ध खाद्य संस्कृति से दुनिया को परिचित कराने के लिए लंबा रास्‍ता तय करना है। यह इस क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए एक शानदार मंच सिद्ध होगाजिससे इस क्षेत्र को बड़े घरेलू और वैश्विक दिग्‍गजों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया में भारत को विश्‍व का खाद्य आपूर्तिकर्ता बनाने में सहायता प्रदान करने की क्षमता है। यह आयोजन कृषि और खाद्य वस्तुओं के लिए एक सोर्सिंग केंद्र के रूप में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करने वाला आदर्श मंच है। उन्होंने विश्वास जताया कि निवेशक समुदाय को हमारे खाद्य प्रसंस्करण और संबद्ध क्षेत्रों में व्‍यापक अवसर उपलब्‍ध होंगे।

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