सूखा राहत के लिए धरने पर बैठे कर्नाटक के सीएम, केंद्र पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा सूखा राहत राशि जारी नहीं करने को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया।

सूखा राहत के लिए धरने पर बैठे कर्नाटक के सीएम, केंद्र पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप

सूखा राहत राशि जारी करने में देरी को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएम सिद्धारमैया समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने केंद्र के रवैये के खिलाफ मंगलवार को बेंगलुरु में धरना दिया।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह ''कर्नाटक और उसके किसानों से नफरत करते हैं'' जिसके कारण सात महीने से गंभीर सूखे के बाद भी सूखा राहत राशि जारी नहीं की गई। जबकि राज्य में 100 साल का सबसे भीषण सूखा पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। 

सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि हमने 22 सितंबर को केंद्र सरकार को ज्ञापन दिया था। राज्य के 223 तालुके सूखे पड़े हैं। लेकिन अमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार ने ज्ञापन देर से जारी किया। सूखे से किसान परेशान हैं। निर्मला सीतारमण और नरेंद्र मोदी की वजह से कर्नाटक को राहत नहीं दी गई। अब तक हमने किसानों को 650 करोड़ रुपये बांटे हैं। सिद्धारमैया का कहना है कि कानून के अनुसार कर्नाटक को 17,800 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। हम कानून के अनुसार, सूखा राहत की मांग कर रहे हैं।'

कर्नाटक के साथ बहुत बड़ा अन्याय: सुरजेवाला

कर्नाटक सरकार केंद्र से एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार सूखा राहत सहायता प्रदान करने की मांग कर रही है। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार कर्नाटक के किसानों और लोगों से बदला लेना चाह रही है। कर्नाटक के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है। जबकि राज्य ने आकलन किया कि उसे एनडीआरएफ मानदंडों के अनुसार सूखा राहत के लिए 18,171 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

भयंकर सूखे की चपेट में कर्नाटक

कर्नाटक का 95 फीसदी हिस्सा गंभीर सूखे की चपेट में है। पिछले 10 महीनों से बारिश नहीं हुई। सिद्धारमैया ने कहा कि कम बारिश के कारण 48,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से प्रत्येक किसान को 2,000 रुपये का भुगतान किया, जिससे 34 लाख किसानों पर 650 करोड़ रुपये का खर्च आया है। उन्होंने पूछा कि मोदी और शाह किस मुंह से कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार

सूखा राहत के मामले पर कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी है। सिद्धारमैया ने कर्नाटक को सूखा राहत राशि प्रदान करने के मुद्दे पर "हस्तक्षेप" के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि चुनाव आयोग ने सूखा प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता के संबंध में कर्नाटक द्वारा उठाए गए मुद्दे से निपटने के लिए उसे मंजूरी दे दी है। सिद्धारमैया ने कहा, "कर्नाटक के लोगों के लिए न्याय और राहत सुनिश्चित करने की हमारी लंबी लड़ाई में यह एक मील का पत्थर और सफलता है।"

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