वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमत घटकर 470 डॉलर प्रति टन पर, चीन से आयात बढ़ा

चीन द्वारा यूरिया निर्यात बढ़ाने का फायदा भारत को हुआ है।  वहां से पांच लाख टन यूरिया का आयात हो चुका है और नये टेंडर के तहत वहां से 10 लाख टन यूरिया का आयात होगा। हालांकि पांच लाख टन यूरिया का आयात 530 डॉलर प्रति टन की कीमत पर हुआ लेकिन अब नया आयात 470 डॉलर प्रति टन की कीमत पर होगा

वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमत घटकर 470 डॉलर प्रति टन पर, चीन से आयात बढ़ा

देश में खरीफ सीजन में यूरिया की किल्लत झेल रहे किसानों के लिए राहत की खबर है और उन्हें रबी सीजन में यूरिया की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। इसकी वजह जहां वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमतों में करीब 60 डॉलर प्रति टन की गिरावट है, वही चीन से भारत में यूरिया का आयात बढ़ रहा है। उद्योग सूत्रों के मुताबिक वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमत 530 डॉलर प्रति टन से घटकर 470 डॉलर प्रति टन पर आ गई है। वहीं चीन द्वारा यूरिया निर्यात बढ़ाने का फायदा भारत को हुआ है।  वहां से पांच लाख टन यूरिया का आयात हो चुका है और नये टेंडर के तहत वहां से 10 लाख टन यूरिया का आयात होगा। हालांकि पांच लाख टन यूरिया का आयात 530 डॉलर प्रति टन की कीमत पर हुआ लेकिन अब नया आयात 470 डॉलर प्रति टन की कीमत पर होगा।

उद्योग सूत्रों ने रूरल वॉयस को बताया कि फिलहाल यूरिया की खपत के लिए दो माह लीन सीजन है। सितंबर और अक्तूबर में यूरिया की खपत कम होती है। वहीं घरेलू उत्पादन बढ़ने और अधिक आयात होने के चलते रबी सीजन में यूरिया की आपूर्ति बेहतर रहेगी। जिसका किसानों को फायदा होगा। सालाना देश में करीब 400 लाख टन यूरिया की खपत होती है।

चालू खरीफ सीजन में किसानों को यूरिया की उपलब्धता का संकट देश के कई हिस्सों में झेलना पड़ा है। कई हिस्सों में जहां यूरिया के लिए किसानों को लंबी कतारों में लगना पड़ा वहीं इसकी कालाबाजारी की खबरें आती रही हैं। 

जहां तक यूरिया के बाद सबसे अधिक खपत वाले उर्वरक डाई अमोनियम फॉस्फेट का सवाल है तो वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमत औसतन 800 डॉलर प्रति टन है। इसके आयात सौदे 810 से 790 डॉलर प्रति टन के  बीच हुए हैं। उक्त सूत्र के मुताबिक रबी सीजन मेें डीएपी की उपलब्धता भी सामान्य रहेगी क्योंकि आयात बढ़ा है। देश में सालाना करीब 100 लाख टन डीएपी की खपत होती है। 

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