सोयाबीन तेल की तुलना में दाम कम होने के कारण भारत ने पाम तेल का आयात बढ़ाया
भारत के लिए मई डिलीवरी के लिए क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) की कीमत लगभग 1,050 डॉलर प्रति टन (लागत, बीमा और माल भाड़ा सहित) है, जबकि क्रूड सोयाबीन ऑयल की कीमत करीब 1,100 डॉलर प्रति टन के आसपास है।

हाल के दिनों में भारत ने पाम ऑयल का आयात बढ़ा दिया है। सोयाबीन ऑयल की तुलना में पाम ऑयल के दाम कम होने के कारण इसके आयात में बढ़ोतरी हुई है। डेयरी न्यूज टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक बाजार में आए इस बदलाव से मलेशियाई पाम तेल वायदा को समर्थन मिला है, जो 2025 की शुरुआत की तुलना में लगभग 10% गिर गया था।
खबर के मुताबिक सनविन ग्रुप के सीईओ संदीप बजोरिया ने कहा, “पहले भारतीय रिफाइनर्स ने पाम तेल का दाम अधिक होने के कारण आयात रोक दिया था। अब जब पाम तेल, सोयाबीन तेल से सस्ता हो गया है तो नए ऑर्डर दिए जा रहे हैं।”
भारत के लिए मई डिलीवरी के लिए क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) की कीमत लगभग 1,050 डॉलर प्रति टन (लागत, बीमा और माल भाड़ा सहित) है, जबकि क्रूड सोयाबीन ऑयल की कीमत करीब 1,100 डॉलर प्रति टन के आसपास है।
पाम और सोयाबीन तेल के बीच मूल्य का अंतर 100 डॉलर प्रति टन से अधिक हो जाने के बाद दिसंबर 2024 से भारत का पाम तेल आयात बहुत कम हो गया था। दिसंबर से मार्च के बीच भारत ने 15.7 लाख टन पाम तेल आयात किया, जो औसतन लगभग 3.85 लाख टन प्रति माह रहा। अप्रैल में 3.5 लाख टन की एक और खेप आनी थी। अप्रैल के आधिकारिक आंकड़े मई के मध्य तक जारी किए जाएंगे।
इसके विपरीत, भारतीय साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अनुसार अक्टूबर 2024 में समाप्त हुए पिछले मार्केटिंग वर्ष में भारत का औसत मासिक पाम तेल आयात 7.5 लाख टन से अधिक था।
घरेलू भंडार कम होने के कारण अब पाम तेल आयात में तेजी से वृद्धि की संभावना है। उम्मीद है कि मई में 5 लाख टन से अधिक, जून में 6 लाख टन और जुलाई से सितंबर के बीच हर महीने 7 लाख टन से अधिक का आयात होगा।
रिपोर्ट में ट्रेडिंग फर्म जीजीएन रिसर्च के मैनेजिंग पार्टनर राजेश पटेल के हवाले से कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों के सीमित आयात के कारण रिफाइनरों पर घटते स्टॉक को फिर से भरने का दबाव है।
भारत आमतौर पर पाम तेल का आयात इंडोनेशिया और मलेशिया से करता है, जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से किया जाता है।