विरोध-प्रदर्शन के लिए कमर कस रहे किसान संगठन, फिर भरेंगे हुंकार

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान संगठन अगले तीन सप्ताह के दौरान विरोध-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर देश भर में जिला या तहसील स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया है। इसके बाद कई किसान जत्थेबंदियां 13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी में जुटी हैं जबकि 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रेड यूनियनों के साथ ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है। 

विरोध-प्रदर्शन के लिए कमर कस रहे किसान संगठन, फिर भरेंगे हुंकार
प्रतीकात्मक (फाइल फोटो)

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान संगठन अगले तीन सप्ताह के दौरान विरोध-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर देश भर में जिला या तहसील स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया है। इसके बाद कई किसान जत्थेबंदियां 13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी में जुटी हैं जबकि 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रेड यूनियनों के साथ हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है।  

हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के किसान संगठनों ने 13 फरवरी के दिल्ली कूच को समर्थन देने का ऐलान किया है। एमएसपी की कानूनी गारंटी और किसानों के साथ वादाखिलाफी के सहित कई मुद्दों को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे। इसकी तैयारी के लिए 3 फरवरी को हरियाणा के नारनौंद में किसान रैली आयोजित की जा रही है। 13 फरवरी के दिल्ली कूच के लिए गांव-गांव जाकर किसानों का आह्वान किया जा रहा है। 

दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से 16 फरवरी को औद्योगिक हड़ताल और ग्रामीण बंद का आह्वान किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि "हमने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सहित कई किसान समूह इसका हिस्सा हैं। किसान उस दिन अपने खेतों में नहीं जाएंगे और कृषि हड़ताल करेंगे। इससे देश में एक बड़ा संदेश जाएगा।" उन्होंने कहा, "हम व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से भी समर्थन की अपील कर रहे हैं। लोगों को भी उस दिन कोई खरीदारी नहीं करनी चाहिए। हम दुकानदारों से किसानों और मजदूरों के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखने की अपील करते हैं।" 

राकेश टिकैत ने कहा कि यह अकेले किसानों की हड़ताल नहीं होगी, अन्य संगठन भी इसमें हिस्सा लेने वाले हैं। एमएसपी गारंटी पर कानून, बेरोजगारी, अग्निवीर योजना, सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले लोगों के लिए पेंशन योजना भी देश में एक बड़ा मुद्दा है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने सभी समान विचारधारा वाले संगठनों से केंद्र सरकार की मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी 2024 को हड़ताल और ग्रामीण बंद का समर्थन करने की अपील की है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 जनवरी, 2024 को जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर/वाहन परेड के एसकेएम के आह्वान का समर्थन किया है।

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