कृषि विकास दर 5 प्रतिशत बनाए रखना हमारा लक्ष्य: शिवराज सिंह चौहान
कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर केंद्रीय कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र को बनाना होगा। उसके हिसाब से लक्ष्य तय किए जा रहे हैं।

केंद्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगर 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है तो 5 प्रतिशत की कृषि विकास दर (एलाइड सेक्टर) को लगातार बनाए रखना होगा। इस लक्ष्य को अर्जित किया जा सकता है। वह पूसा परिसर, दिल्ली में आयोजित कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर प्रेस से बातचीत कर रहे थे।
सम्मेलन में यह निष्कर्ष सामने आया कि 5% कृषि विकास दर का लक्ष्य संभव है, हालांकि दलहन और तिलहन जैसे क्षेत्रों में विकास दर अभी भी मात्र 1.5% है। कृषि मंत्री ने राज्यों में उत्पादकता की असमानता को भी रेखांकित किया और कहा कि उत्पादन के अंतर को पाटने की दिशा में रणनीति बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार खेती की रीढ़ हैं। इन क्षेत्रों में सुधार के बिना उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना संभव नहीं। उन्होंने सभी कृषि संस्थानों से एकजुट होकर "एक राष्ट्र–एक कृषि–एक टीम" की भावना से कार्य करने का आह्वान किया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो 1 ट्रिलियन डॉलर की कृषि अर्थव्यवस्था आवश्यक होगी। इसके लिए कृषि निर्यात को 6% से बढ़ाकर 20% तक ले जाने और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शोध खर्च को वर्तमान 0.4% से बढ़ाने पर विचार हो रहा है और यह जरूरी है कि शोध की दिशा खेत की जरूरतों के अनुरूप हो। साथ ही, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मत्स्य पालन और बागवानी जैसे सहायक क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा क्योंकि 2047 तक औसत भूमि जोत 0.6 हेक्टेयर तक सिमटने का अनुमान है।
कृषि मंत्री ने कहा कि शोध पत्रों और पुस्तकों का लाभ आम किसान को होना चाहिए। यूनिवर्सिटी से निकले कितने बच्चे एग्रो बिजनेस से जुड़े हैं, इसका आकलन किया जाएं। किसी ने स्टार्टअप शुरू किया है, किसी ने खेती शुरू की है कि नहीं, इसका अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान और परंपरागत ज्ञान का संगम कैसे हो, ये सोचें। हर वीसी दो-तीन बेस्ट प्रैक्टिस साझा करें। सभी विश्विद्यालय के बीच सार्थक प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में एक नया जीन बैंक बनाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जीनोम एडिटिंग तकनीक से धान की दो नई किस्में विकसित की गई हैं और अब सोयाबीन, चना, तूअर जैसी फसलों पर भी काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि कम पानी में अधिक उत्पादन और क्षेत्रीय कृषि उत्पादकता को संतुलित करने के लिए लघु और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम तेज़ी से चल रहा है और एक वर्ष की समयसीमा में प्राथमिक लक्ष्य तय किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट एवं सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।