नोएडा के किसान संगठनों का आज दिल्ली कूच, धारा 144 लागू, भीषण जाम

भूमि अधिग्रहण और मुआवजे संबंधी मांगों को लेकर कई दिनों से धरना दे रहे नोएडा के किसान संगठनों ने आज दिल्ली कूच का ऐलान किया है। आज दोपहर किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गये हैं। सुबह से ही नोएडा की सड़क पर भारी जाम है।

नोएडा के किसान संगठनों का आज दिल्ली कूच, धारा 144 लागू, भीषण जाम

भूमि अधिग्रहण और मुआवजे संबंधी मांगों को लेकर नोएडा के किसान संगठनों ने आज दिल्ली कूच का ऐलान किया है। आज दोपहर किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गये हैं। कई रास्तों पर नो-एंट्री और रूट डाइवर्जन की ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है। आज सुबह से ही नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली सड़कों पर भारी जाम लगा हुआ है।   

मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली कूच के ऐलान को देखते हुए आज सुबह से ही पुलिस ने किसान नेताओं को रोकना शुरू कर दिया है। कई किसान नेताओं को उनके घर से ही नहीं निकलने दिया। किसानों को किसी भी जगह इकट्ठा होने से रोका जा रहा है। इसे लेकर कई जगह किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। नोएडा में जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। 

नोएडा में अलग-अलग मांगों को लेकर किसानों के कई धरने चल रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर अखिल भारतीय किसान सभा का धरना जारी है जबकि एनटीपीसी मुख्यालय और नोएडा प्राधिकरण के ऑफिस पर भारतीय किसान परिषद के नेतृत्व में किसान धरने पर बैठे हैं। किसानों की आज दोपहर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर पर इकट्ठा होकर चिल्ला बॉर्डर के रास्ते दिल्ली की ओर बढ़ने की तैयारी है।   

नोएडा के डीआइजी, अपर. सीपी (एल एंड ओ) शिवहरि मीणा ने कहा, “धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी सीमाओं को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए व्यवस्था की गई है। हम किसानों से बातचीत कर रहे हैं...सभी वाहनों की जांच की जा रही है।”

क्या हैं किसानों के मुद्दे? 

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान अधिग्रहीत भूमि के बदले बढ़े हुए मुआवजे और 10 फीसदी आवासीय भूखंडों की मांग के अलावा लीजबैक मामलों के निस्तारण, युवाओं को स्थानीय कंपनियों में नौकरी, भूमिहीन किसानों को 40 मीटर के प्लॉट और और क्योस्क में स्थानीय महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देना सहित कई मांगों को लेकर कई महीनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन में करीब 160 गांवों के किसान शामिल हैं और बड़ी संख्या में महिलाएं भी हिस्सा ले रहीं हैं। प्रशासन के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी जब कोई समाधान नहीं निकला तो किसान संगठनों ने गुरुवार को दिल्ली कूच कर संसद मार्च का ऐलान किया है।

भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर हमने हर स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। अब किसान अधिकारियों के बहकावे में नहीं आएंगे। जिनकी जमीन पर शहर बसा हुआ है। उन्हीं को ही नजर अंदाज किया जा रहा है। किसान ऐसे अधिकारियों की वजह से दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं। किसान सभा के जिला अध्यक्ष रूपेश वर्मा ने कहा कि किसानों की समस्या हल करने के बजाय पुलिस गांवों में जाकर किसानों को धरने में आने से रोक रही है। 

Subscribe here to get interesting stuff and updates!