'विकसित कृषि संकल्प अभियान' नहीं थमेगा, केवीके बनेंगे जिले की नोडल एजेंसी: शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को पूसा परिसर, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 29 मई से 12 जून तक देशभर में चले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की सफलता और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी साझा की।

'विकसित कृषि संकल्प अभियान' नहीं थमेगा, केवीके बनेंगे जिले की नोडल एजेंसी: शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देशभर में विकसित कृषि संकल्प अभियान बहुत सफल रहा है। अब यह अभियान थमेगा नहीं, लगातार किसानों के बीच जाकर खेती को उन्नत और किसानों को समृद्ध बनाने का प्रयत्न करते रहेंगे।

अभियान के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं एक्सपर्ट की 2170 टीमों ने देशभर के 1.42 लाख से अधिक गांवों में पहुंचकर 1.34 करोड़ से ज्यादा किसानों से सीधा संवाद किया। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मंत्री, सांसद, विधायक सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि अभियान में शामिल हुए।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को पूसा परिसर, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 29 मई से 12 जून तक चले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की सफलता और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) को एक टीम के रूप में हर जिले में नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। केवीके के वैज्ञानिक अनिवार्य रूप से सप्ताह में तीन दिन खेतों में किसानों के बीच जाएंगे। कृषि मंत्री के रूप में वह स्वयं भी सप्ताह में दो दिन खेतों में किसानों के बीच जाएंगे।

'लैब टू लैंड' की सोच के साथ चलाए गए 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के सफल आयोजन के लिए कृषि मंत्री ने कृषि विभाग, विशेषकर आईसीएआर, कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कृषकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अनेक उपयोगी सुझाव किसानों की तरफ से आए हैं। योजनाएं और नीतियां बनाते समय उन सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा।

पत्रकार वार्ता में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक एवं सचिव, डेयर डॉ. एम.एल. जाट , आईसीएआर के उपमहानिदेशक (एक्सटेंशन) डॉ. राजबीर सिंह के अलावा आईसीएआर के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

राज्यवार आईसीएआर से नोडल अफसर

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित खेती और समृद्ध किसान के लिए काम करने वाली जितनी भी संस्थाएं हैं, उनका एक दिशा में चलना अनिवार्य है। इसलिए राज्यवार कृषि के लिए आईसीएआर की तरफ से एक नोडल अफसर तय किया जाएगा जो उस राज्य में सारे वैज्ञानिक प्रयोगों और समस्याओं को, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखकर सुझाव देगा।

किसान चौपाल से सार्थक चर्चा

कृषि मंत्री ने कहा कि अभियान की सबसे बड़ी सफलता किसान चौपाल रही, जहा किसानों से सार्थक चर्चा हुई। वैज्ञानिकों ने उस क्षेत्र की एग्रोक्लाइमेट कंडीशन देखते हुए कौन-से बीज, कौन-सी किस्म उपयुक्त रहेगी, इसकी जानकारी दी। मिट्टी के पोषक तत्वों व कीट प्रकोप के बारे में भी चर्चा की।

रिसर्च केवल दिल्ली से तय नहीं होगी

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के साथ संवाद से दो चीजें उभरकर सामने आईं। पहली, कई बार रिसर्च के मुद्दे दिल्ली में बैठकर तय करते हैं, लेकिन जमीन पर किसानों ने जिस तरह की समस्याएं बताई हैं, उन पर भी रिसर्च की जरूरत है। आईसीएआर को दिशा मिली कि रिसर्च केवल दिल्ली से ही तय नहीं होगी। दूसरी चीज यह सामने आई कि किसान बड़े वैज्ञानिक हैं। कई किसानों ने इतने इनोवेशन किए हैं कि वैज्ञानिक भी हैरान थे। साथ ही किसानों के मुद्दों और समस्याओं का भी पता चला। ये तीनों चीजें मार्गदर्शक का काम करेंगी। इन्हें ध्यान में रखकर रिसर्च करेंगे। अगर योजनाओं के स्वरूप में कोई परिवर्तन करना है, तो वो किए जाएंगे।

सीड एक्ट को कड़ा बनाया जाएगा

अमानक बीज, खाद और पेस्टीसाइड के संबंध में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीड एक्ट को और कड़ा बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। ताकि गुणवत्तायुक्त बीज किसानों तक पहुंचें।

रबी सीजन में फिर चलेगा अभियान

सोयाबीन के लिए एक फॉलोअप प्लान बनाया गया है। सोयाबीन संबंधी समस्या के समाधान के लिए 26 जून को इंदौर में किसान, वैज्ञानिक व संबद्ध पक्षों के साथ मिलकर विचार करेंगे। उसके बाद कपास, फिर गन्ने, दलहन और तिलहन मिशन पर मंथन किया जाएगा। इस तरह अभियान अलग-अलग फसलों के लिए भी जारी रहेगा।

24 जून को पूसा संस्थान में सारे वैज्ञानिक व कृषि अधिकारी, राज्यों के कृषि मंत्री आदि सभी हाइब्रिड मोड में जुड़ेंगे। अभियान के नोडल अफसर राज्यवार कृषि की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करेंगे, जिसके आधार पर राज्यों के साथ मिलकर केंद्र को क्या-क्या करना चाहिए, उसकी रूपरेखा तय की जाएगी।

11 साल में अद्भुत काम हुआ

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 11 साल में कृषि क्षेत्र में अद्भुत काम हुआ है। अगर मोटे तौर पर हम खाद्यान्न उत्पादन देखें तो वह 40% बढ़ा है। फिर भी और काम करने की अनंत संभावनाए हैं। हमारे सामने लक्ष्य भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और पोषणयुक्त अनाज, फल-सब्जियां पर्याप्त मात्रा में लोगों के लिए उपलब्ध कराना है। किसानों की आजीविका ठीक ढंग से चले, खेती फायदे का धंधा बने, इसकी कोशिश करना है, और धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उत्पादन देने वाली बनाए रखना है, साथ ही भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाना है।

एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम 

शिवराज सिंह ने कहा कि विकसित खेती और समृद्ध किसान के लिए तमाम संस्थाएं, विभाग और वैज्ञानिक अलग-अलग काम कर रहे हैं। तभी मन में विचार आया है कि एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम बनाई जाए ताकि सभी मिलकर एक दिशा में काम करें। इसमें किसान भी शामिल हों। इस समग्र विचार को लेकर हमने विकसित कृषि संकल्प अभियान की रूपरेखा बनाई और इसे चलाया।

ट्राइबल डिस्ट्रिक्ट्स पर विशेष ध्यान

कृषि मंत्री ने बताया कि देश के 177 ट्राइबल डिस्ट्रिक्ट्स (जनजातीय जिलों) के 1024 विकास खंडों में अभियान के तहत साढ़े 8 हजार से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित हुए और लगभग 18 लाख किसानों तक हम पहुंचे। इसी तरह 112 आकांक्षी जिलों में 802 ब्लॉक्स में टीमें लगभग 6800 गांवों में पहुंची और 15 लाख किसानों से वैज्ञानिकों का संवाद हुआ। लगभग 100 जिलों में वाइब्रेंट विलेज पर भी फोकस किया। सुदूर के गांवों में भी हमारे वैज्ञानिक पहुंचे।

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