धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने नई दिल्ली एम्स में किया मरीज़ों के लिए वेटिंग हॉल का उद्घाटन

धानुका ग्रुप की सीएसआर पहल के तहत बनाया गया यह हॉल पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड है, जहां स्वच्छ सेनिटेशन सुविधाएं, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन और 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसे खासतौर पर एम्स विज़िट करने वाले हज़ारों मरीज़ों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए डिज़ाइन किया गया है

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने नई दिल्ली  एम्स में किया मरीज़ों के लिए वेटिंग हॉल का उद्घाटन

भारत की अग्रणी एग्री-इनपुट कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने नई दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (एम्स) में धानुका वेटिंग हॉल का उद्घाटन किया। 68,800 वर्गफीट में फैला यह नवनिर्मित वेटिंग एरिया देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में मरीज़ों और उनके परिवारजनों को आराम और सुविधाओं का अनुभव प्रदान करेगा।

धानुका ग्रुप की सीएसआर पहल के तहत बनाया गया यह हॉल पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड है, जहां स्वच्छ सेनिटेशन सुविधाएं, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन और 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसे खासतौर पर एम्स विज़िट करने वाले हज़ारों मरीज़ों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

वेटिंग हॉल का उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. एम. श्रीनिवास, डायरेक्टर, एम्स, नई दिल्ली; सुरेश जैन, राष्ट्रीय आयोजक सचिव, भारत विकास परिषद और हेमंत जैन, प्रेज़ीडेन्ट, पीएचडीसीसीआई भी मौजूद रहे।

उद्घाटन के बाद फसल सुरक्षा रसायनों एवं कैंसर’ पर एक दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन हुआ। इस सेमिनार का उद्घाटन धानुका एग्रीटेक लिमिटेड, एम्स और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर धानुका ग्रुप से वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इनमें डॉ.आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैन एमेरिटस, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड और मनीष धानुका मैनेजिंग डायरेक्टर, ऑर्किड फार्मा शामिल थे।

सेमिनार में हिस्सा लेने वाले विश्वस्तरीय एवं चिकित्सकीय विशेषज्ञों ने फसल सुरक्षा रसायनों के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों, उनके विनियामक, वैज्ञानिक एवं नैतिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। डॉ एंजेलो मोरेटो, डायरेक्टर ऑफ ऑक्युपेशनल हेल्थ युनिट, पडोवा युनिवर्सिटी हॉस्पिटल, इटली; डॉ पीटर डी लोके, एकेडमिक एसोसिएट, सेंटर फॉर बायोमेडिकल एथिक्स सिंगापुर; डॉ. माइकल डॉरसन, प्रेज़ीडेन्ट एवं डायरेक्टर ऑफ साइंस, टीईआरए, सिंसिनाटी, ओहियो, यूएसए और ज्ञानेन्द्र गोंगल, सीनियर पब्लिक हेल्थ ऑफिसर, डब्ल्यूएचओ ने कीटनाशकों के कारण कैंसर के जोखिम पर विचार प्रस्तुत किए।  

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “मैं धानुका ग्रुप और डॉ. आर. जी. अग्रवाल का इस 1500 सीटों वाले प्रतीक्षालय के अद्भुत योगदान के लिए अत्यंत आभार व्यक्त करती हूं, जो कि सीएसआर के तहत ₹6 करोड़ की लागत से निर्मित हुआ है। यह केवल एक अवसंरचना नहीं है, यह करुणा का एक कार्य है, उन परिवारों के लिए एक सुकूनभरा उपहार है जो आशा में प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। एम्स वास्तव में 'आशा की किरण' है, एक ऐसी जगह जहां लोग तब जाते हैं जब सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। मैं सभी से आग्रह करती हूं कि वे इस पहल से प्रेरणा लें।”

आयूष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा,इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, मैं धानुका ग्रुप की एआईएमएस में इस सुंदर प्रतीक्षालय का उद्घाटन करने के लिए सराहना करता हूँ। यह एक प्रशंसनीय सीएसआर पहल का उदाहरण है। यह सुविधा मरीजों और उनके परिवारों को बहुत आराम देगी। ऐसे प्रयास हमारे स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हैं और हमें हमारे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा संकल्पित विकसित भारत के करीब ले जाते हैं। आइए हम सब मिलकर एक स्वस्थ और सतत भारत के लिए काम करें।”

डॉ. आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैनएमेरिटस, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने कहा, “धानुका ग्रुप हमेशा से भारत के किसानों के साथ खड़ा रहा है, लेकिन हमारी जिम्मेदारी केवल वहीं खत्म नहीं होती। जब परिवार एआईएमएस में उम्मीद के साथ प्रतीक्षा करते हैं, तो हम उन्हें सम्मान, आराम और देखभाल देना चाहते हैं। यह हमारे लिए कृषि से परे देश सेवा करने का तरीका है। हमारा मानना है कि सच्ची सेवा वहीं होती है जहां लोगों को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, चाहे वह खेत में हो या अस्पताल में।”

इस पहल के माध्यम से धानुका ग्रुप ने कृषि के दायरे से बढ़कर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश कर देश के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है, जिससे समाज को सीधा लाभ मिलेगा। इस अवसर पर ‘क्रॉप प्रोटेक्शन कैमिकल्स एण्ड कैंसर’ विषय पर आयोजित सेमिनार समाज के कल्याण तथा स्वास्थ्य संबंधी मुद्दां को हल करने के धानुका के समर्पण को दर्शाती है।

इस सेमिनार ने फसल सुरक्षा रसायनों और कैंसर के बीच संबंध को लेकर फैली गलत अवधारणाओं पर स्पष्टीकरण दिया। देशी-विदेशी विशेषज्ञों ने प्रमाण पर आधारित प्रस्तुतियों के द्वारा स्पष्ट किया कि अगर इन रसायानों का इस्तेमाल ज़िम्मेदारी से और विनियमों के अनुसार किया जाए तो ये कैंसर का कारण नहीं हो सकते। इस तरह सेमिनार में हिस्सा लेने वाले लोगों को इस महत्वपूर्ण विषय पर सही जानकारी पाने का मौका मिला। 

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