भारत के सबसे बड़े ग्रेन प्लेटफॉर्म आर्य ने जुटाए छह करोड़ डॉलर

इक्विटी राउंड में मुख्य रूप से एशिया इम्पैक्ट एसए, लाइटरॉक इंडिया और कोना कैपिटल ने हिस्सा लिया। इस एग्रीटेक प्लेटफॉर्म ने अन्य स्रोतों के अलावा अमेरिका स्थित इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीफएसी) से ऋण भी जुटाया।

भारत के सबसे बड़े ग्रेन प्लेटफॉर्म आर्य ने जुटाए छह करोड़ डॉलर

भारत के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म आर्य.एजी ने ‘सी सीरीज’ फंडिंग दौर के समापन की घोषणा की है। कंपनी ने इस राउंड में इक्विटी और ऋण के मिश्रण से 6 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। इक्विटी राउंड में मुख्य रूप से एशिया इम्पैक्ट एसए, लाइटरॉक इंडिया और कोना कैपिटल ने हिस्सा लिया। इस एग्रीटेक प्लेटफॉर्म ने अन्य स्रोतों के अलावा अमेरिका स्थित इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीफएसी) से ऋण भी जुटाया। यह जानकारी आर्य के सह-संस्थापक चट्टानाथन देवराजन ने दी।

आर्य प्लेटफॉर्म कृषि उत्पादों के विक्रेताओं और खरीदारों को जोड़ने का काम करता है। कंपनी सही मात्रा, गुणवत्ता और भुगतान का दावा भी करती है। उसका यह भी कहना है कि इस प्लेटफॉर्म के कारण किसानों को अफरा-तफरी में अपनी उपज बेचने की नौबत नहीं आती। आर्य 10 हजार से ज्यादा कमोडिटी स्टोरेज से जुड़ी है, इसलिए यह एसएमई और कॉरपोरेट खरीदारों को पूरे साल कमोडिटी सप्लाई कर सकती है।

देवराजन ने बताया कि आर्य के प्लेटफॉर्म पर दो अरब डॉलर से अधिक मूल्य के कृषि उत्पादों की उपलब्धता है। उन्होंने कहा, यह संख्या और बढ़ेगी क्योंकि हम देश भर के गोदामों से डेटा एकत्र कर रहे हैं। इस राउंड की फंडिंग से हमें अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने और नई सेवाएं शुरू करके कृषि के क्षेत्र में भारत का सबसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनने में मदद मिलेगी।

इस दौरान एशिया इम्पैक्ट एसए के निदेशक माटेओ पुसिनेरी ने कहा, “कोराना महामारी के दौरान हमने आर्य को पूरे भारत में कृषि-वाणिज्य को बदलते देखा है। आर्य पूरे एशिया में ग्रामीण इलाकों के वंचित कृषि समुदाय को बड़े पैमाने पर बाजारों से जोड़ने में एशिया इम्पैक्ट के दृष्टिकोण को पूरा करने में मदद करेगा। हमें विश्वास है कि प्रसन्ना राव, आनंद चंद्रा और देवराजन के नेतृत्व में आर्य ग्रामीण भारत के सतत विकास में मददगार अलग ईकोसिस्टम तैयार करेगा।”

लाइटरॉक इंडिया के पार्टनर वैदेही रवींद्रन ने कहा, "हम आर्य के साथ अपनी निरंतर साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि उनके पास देश का सबसे बड़ा अनाज प्लेटफॉर्म है।" उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में आर्य ने एक मजबूत और लाभदायक नींव तैयार की है। आगे नए बाजारों के जुड़ने से इसका विकास बहुत तेजी से होगा। इनोवेशन के साथ बेहतर जोखिम प्रबंधन वाली टीम के साथ हमें उम्मीद है कि आर्य पूरे अनाज बाजार को बदलेगा।

कोना कैपिटल के पार्टनर वरुण मल्होत्रा ​​ने कहा,  हमारा मानना ​​है कि अधिक पारदर्शिता लाकर लंबी अवधि के संरचनात्मक परिवर्तनों को तेज किया जा सकता है। ग्रामीण भारत में आर्य की जो पहुंच है, उसकी कोई सानी नहीं। इसका सर्विस मॉडल तकनीक संचालित है। इन बातों ने आर्य को भारत में सबसे तेजी से बढ़ते कृषि-वाणिज्य प्लेटफार्म में से एक बना दिया है। आर्य गुणवत्ता, मात्रा और भुगतान पर पूर्ण पारदर्शिता और आश्वासन के माध्यम से फसल के बाद के कृषि लेनदेन में विश्वास की खाई को सफलतापूर्वक पाट रहा है। हम आर्य के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए उत्साहित हैं।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!