सरकार ने क्रूड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाकर 10% किया, घरेलू रिफाइनिंग को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने क्रूड खाद्य तेलों (Crude edible oil) पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को घटाकर 10% कर दिया है, जिससे आयात शुल्क की दर घटकर 16.5% रह गयी है। रिफाइंड तेलों पर 35.75% शुल्क यथावत रखा गया है। IVPA ने इस कदम का स्वागत किया है। इस कदम को खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने और घरेलू रिफाइनिंग को प्रोत्साहन देने वाला माना जा रहा है।

एक महत्वपूर्ण कदम में सरकार ने क्रूड खाद्य तेलों (edible oil) पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को घटाकर 10% कर दिया है। रिफाइंड तेलों पर 35.75% शुल्क यथावत है। इस कदम से घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, महंगाई कम करने में भी मदद मिलेगी। लेकिन तिलहन किसानों को इससे बेहतर मूल्य मिलने में दिक्कत आ सकती है। यह कदम खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने की नीति के भी खिलाफ है।
इस निर्णय के तहत क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सोया ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर आयात शुल्क 20% से घटाकर 10% किया गया है। एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस तथा सोशल वेलफेयर चार्ज लगने के बाद अब क्रूड खाद्य तेलों पर प्रभावी आयात शुल्क 16.5% रह गया है, जो पहले 27.5% था। क्रूड और रिफाइंड तेलों के आयात शुल्क के बीच अंतर बढ़कर 19.25% हो गया है।
इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IVPA) के प्रेसिडेंट सुधाकर देसाई ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसे ऐतिहासिक और साहसिक कदम बताया जो ‘मेक इन इंडिया’ विजन के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “IVPA सरकार के इस फैसले का स्वागत करता है। क्रूड खाद्य तेल पर आयात शुल्क को 20% से घटाकर 10% किया गया है, जबकि रिफाइंड तेलों पर शुल्क 35.25% ही रखा गया है। सरकार द्वारा ड्यूटी डिफरेंशियल को 19.25% तक बढ़ाने का फैसला IVPA की सिफारिश के अनुसार हुआ है।”
उन्होंने कहा, “यह न केवल घरेलू रिफाइनिंग को मजबूती देगा, बल्कि तिलहन किसानों और उपभोक्ताओं के लिए भी उचित मूल्य सुनिश्चित करेगा। यह कदम SAFTA के तहत सस्ते रिफाइंड तेलों के आयात से हो रही बाजार की विकृति को संतुलित करने की दिशा में निर्णायक है।”
IVPA के अनुसार, जून-सितंबर 2024 के दौरान रिफाइंड पाम ऑयल का आयात 4.58 लाख मीट्रिक टन था, जो अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच बढ़कर 8.24 लाख मीट्रिक टन हो गया। यह कुल पाम ऑयल आयात का लगभग 30% है। SAFTA के तहत शून्य शुल्क का लाभ उठाकर पड़ोसी देशों से रिफाइंड तेल भारत में बड़ी मात्रा में आ रहा था, जिससे घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को नुकसान हो रहा था।
हालांकि क्रूड खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटाना आत्मनिर्भरता हासिल करने की नीति के अनुरूप नहीं है। शुल्क घटाने से किसानों को उचित मूल्य मिलने में दिक्कत आ सकती है। सरकार ने दो दिन पहले ही खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया है। इसमें बाकी फसलों के साथ तिलहन में मूंगफली का एमएसपी 480 रुपये बढ़ाकर 7263 रुपये और सूरजमुखी का 441 रुपये बढ़ाकर 7721 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 436 रुपये बढ़ाकर 5328 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
भारत विश्व का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक देश है और अपनी 70% से अधिक जरूरत आयात से पूरी करता है। पाम ऑयल मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से, जबकि सोया और सनफ्लावर ऑयल अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस, और यूक्रेन से खरीदा जाता है।