किसानों को मिल रहे बासमती के अच्छे दाम, लेकिन बारिश के कारण पैदावार घटी

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान के किसानों को इस बार बासमती के अच्छे दाम तो मिल रहे हैं, लेकिन सितम्बर-अक्टूबर में तेज बारिश ने उन्हें काफी नुकसान भी पहुंचाया है। पैदावार घटने के अलावा चावल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। कई किसानों की बासमती की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं

किसानों को मिल रहे बासमती के अच्छे दाम, लेकिन बारिश के कारण पैदावार घटी

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान के किसानों को इस बार बासमती के अच्छे दाम तो मिल रहे हैं, लेकिन सितम्बर-अक्टूबर में तेज बारिश ने उन्हें काफी नुकसान भी पहुंचाया है। पैदावार घटने के अलावा चावल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। कई किसानों की बासमती की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। बासमती चावल भारत से लगभग 150 देशों को निर्यात किया जाता है। 

किसानों का कहना है कि मंडियों और राइस मिलों में उन्हें पूसा बासमती 1121 और पूसा बासमती -1 की 3700 से 3800 रुपये प्रति क्विंटल तक कीमत मिल रही है। पूसा बासमती 1509 और पूसा बासमती 1692 सहित अन्य किस्मों की कीमत 3200 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक है। 

उत्तर प्रदेश के गांव नेकपुर, जिला बुलंदशहर के किसान प्रीतम सिंह ने बताया कि पूसा बासमती 1121 और पूसा बासमती -1 की कीमत प्रति क्विंटल 3800 से 4000 रुपये मिल रही है। पिछले साल इनके दाम 3200 से 3300 रुपये तक मिले थे। पिछले साल पूसा बासमती 1509 सहित अन्य किस्मों की कीमत मंडी 2600 से लेकर 2800 रुपये मिली थी जबकि इस साल इनके दाम 3200 से लेकर 3500 रुपये तक मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि पिछले साल बेहतर कीमत मिलने की वजह से उनके गांव के किसानों ने इस साल 400 एकड़ से अधिक एरिया में बासमती की अलग-अलग किस्मों की खेती की थी। हर साल 22 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार मिलती थी, लेकिन इस बार पैदावार 16 से 17 क्विंटल तक है। उन्होंने कहा कि सितंबर और अक्टूबर में आई बारिश के कारण उपज का 30 फीसदी तक नुकसान हुआ है। इससे हम लोगों को जो फायदा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाएगा।

गांव सल बाजना, जिला मथुरा के किसान बच्चू सिंह ने बताया कि अलीगढ़ की मंडी में सबसे ज्यादा कीमत पूसा बासमती किस्म 1121 की, 3600 से लेकर 3700 रूपये प्रति क्विंटल मिल रही है। अन्य किस्मों की कीमत 3200-3300 रुपये क्विंटल मिल रही है। 

बच्चू सिंह ने 6 एकड़ में धान की फसल लगाई थी। गांव के दूसरे किसानों ने कुल मिलाकर लगभग 800 एकड़ में बासमती धान की फसल लगा रखी थी। उन्होंने बताया सितंबर और अक्टूबर में आई बारिश के काऱण फसलें गिर गई थीं जिससे धान काला पड़ गया। उन्होंने बताया, हम प्रति एकड़ 20 क्विंटल तक पैदावार लेते थे लेकिन इस बार कई खेतों से हमें 10 से 12 क्विंटल पैदावार मिली है। जिससे बढ़ी कीमत से हमे कोई लाभ मिलेगा। बहुत से किसानों की तो लागत भी नहीं निकलेगी।

गांव जैनपुर, जिला सोनीपत हरियाणा के किसान राकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने 10 एकड़ में पूसा बासमती 1121 किस्म की खेती की थी। इस समय सोनीपत की मंडी में पूसा बासमती 1121 का भाव 3800 रुपये क्विंटल चल रहा है। अन्य किस्मों की कीमत 3300 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है।

राकेश ने बताया कि बासमती 1121 की पैदावार हम हर साल 20 क्विंटल प्रति एकड़ लेते थे, लेकिन इस साल अक्टूबर की बारिश के कारण 12 से 13 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार ही मिल पाई है। उन्होंने कहा कि जल्दी पकने वाली बासमती प्रजातियों का कम नुकसान हुआ है।

बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन मोदीपुरम, मेरठ के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. रितेश शर्मा ने कहा कि सितम्बर-अक्टूबर की बारिश से बासमती की क्वालिटी पर फर्क पड़ा है। चावल में अधिक नमी के कारण मिलिंग के समय चावल टूटते ज्यादा हैं। उन्होंने कहा, अगर क्वालिटी खराब हुई तो बासमती के एक्सपोर्ट पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने ने बताया कि बासमती की खेती का क्रेज किसानों में बढ़ रहा है, जिससे हर साल 10 फीसदी एरिया बढ़ रहा है। विदेशों में मांग बढ़ने से किसानों को बेहतर दाम भी मिल रहे हैं।

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