देश में सहाकरिता आंदोलन का पुनर्गठन हो रहा है, हर गांव में होंगी पैक्सः अमित शाह

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत में सहकारिता आंदोलन का पुनर्गठन हो रहा है। सरकार सहकारिता को देश के फायदों को देश के हर गांव तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए अगले तीन साल में दो लाख प्राइमरी एग्रीकल्चरल कोआपरेटिव समितियां (पैक्स) का गठन किया जा रहा है ताकि देश में कोई भी गांव ऐसा न रहे जहां पैक्स नहीं है। नई दिल्ली में इंटरनेशनल कोआपरेटिव अलायंस (आईसीए) की ग्लोबल कोआपरेटिव कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही

देश में सहाकरिता आंदोलन का पुनर्गठन हो रहा है, हर गांव में होंगी पैक्सः अमित शाह

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत में सहकारिता आंदोलन का पुनर्गठन हो रहा है। सरकार सहकारिता के फायदों को देश के हर गांव, हर किसान तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए अगले तीन साल में दो लाख प्राइमरी एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव समितियां (पैक्स) का गठन किया जा रहा है ताकि देश में कोई भी गांव ऐसा न रहे जहां पैक्स नहीं है। नई दिल्ली में इंटरनेशनल कोआपरेटिव अलायंस (आईसीए) की ग्लोबल कोआपरेटिव कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि पहली बार भारत में आईसीए की कांफ्रेंस हो रही है और इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) द्वारा साल 2025 को सहकारिता वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा भी भारत में ही रही है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को चरितार्थ कर देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं। चाहे पैक्स के आधुनिकीकरण और विस्तार से ग्रामीण अर्थतंत्र को सशक्त बनाना हो, तीन बहु-राज्य सहकारी समितियों का गठन हो, या मॉडल बायलॉज लाना, मोदी सरकार सहकारी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है। 

वैश्विक सहकारिता सम्मेलन से संयुक्त राष्ट्र संघ के 'अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025' के शुभारंभ को अमित शाह ने भारत के लिए गौरव का विषय बताया। उन्होंने कहा कि सहकारिता को महत्व देते हुए 75 साल बाद देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। इसका मकसद सहकारिता को मजबूत करना है। तीन साल पहले प्रधानमंत्री ने सहकारिता समृद्धि का द्वार का नारा दिया था और सरकार सहकारिता के फायदे को देश के हर वर्ग तक पहुंचाने का काम कर रही है।

शाह ने भारत जैसे विशाल देश में लोगों की समृद्धि के लिए सहकारिता को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि देश में अमूल, इफको और कृभको जैसी सहकारी संस्थानों ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान कायम की है। अब सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर तीन सहकारी समिति एनएसईएल, एनओसीएल और एनएससीएल की स्थापना की है। इनके जरिये किसानों के उत्पादों को देश और दुनिया के बाजारों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक सहकारिता विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। सहकारिता नीति भी इसी साल आ जाएगी। 

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