गेहूं की सरकारी खरीद 283 लाख टन पार, पिछले साल की कुल खरीद से 17 लाख टन अधिक

केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद की अवधि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 30 जून तक बढ़ा दी है। लेकिन सबसे अधिक खरीद वाले पंजाब और तीसरे नंबर पर रहने वाले हरियाणा में गेहूं की सरकारी खरीद 15 मई, 2025 तक ही होगी।

गेहूं की सरकारी खरीद 283 लाख टन पार, पिछले साल की कुल खरीद से 17 लाख टन अधिक

चालू रबी मार्केटिंग सीजन (2025-26) के दौरान देश में गेहूं की सरकारी खरीद 6 मई तक 283.27 लाख टन को पार कर गई है। यह पिछले साल (2024-25) हुई कुल गेहूं खरीद से 17 लाख टन अधिक है। पिछले साल गेहूं की सरकारी खरीद 266 लाख टन रही थी, जबकि 6 मई तक 238.95 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। 

चालू मार्केटिंग सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 332.7 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा है। अभी तक की खरीद के आंकड़ों और बाजार में गेहूं की कीमतों को देखते हुए सरकारी खरीद 300 लाख टन के पार पहुंचने की संभावना है। 

केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद की अवधि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 30 जून तक बढ़ा दी है। लेकिन सबसे अधिक खरीद वाले पंजाब और तीसरे नंबर पर रहने वाले हरियाणा में गेहूं खरीद 15 मई, 2025 तक ही होगी।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के ताजा आंकडों के मुताबिक, 6 मई तक पंजाब में सर्वाधिक 114.39 लाख टन गेहूं की खरीद हुई। यहां से सरकार ने 124 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। वहीं मध्य प्रदेश से 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य है और 6 मई तक 76.87 लाख टन की खरीद हुई है। हरियाणा में 69.15 लाख टन खरीद हुई है। हरियाणा के लिए केंद्र सरकार ने 75 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। राजस्थान से 20 लाख टन के खरीद लक्ष्य के मुकाबले 6 मई तक सरकारी एजेंसियों ने 13.63 लाख टन गेहूं खरीदा है।

उत्तर प्रदेश से इस साल भी गेहूं खरीद कम हुई है। यूपी के खाद्य एवं रसद विभाग के मुताबिक, 8 मई तक राज्य से 9.25 लाख टन गेहूं की खरीद हुई जबकि केंद्र सरकार ने यूपी से 30 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निजी कारोबारी गेहूं खरीद रहे हैं, इसलिए देश में सर्वाधिक 357 लाख टन गेहूं उत्पादन के अनुमान के बावजूद यूपी में सरकारी खरीद का आंकड़ा 10 लाख टन तक भी नहीं पहुंचा है।

अन्य राज्यों में बिहार में 15712 टन, गुजरात में 3119 टन, हिमाचल प्रदेश में 2559 टन और उत्तराखंड में 190 टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है। दिल्ली, महाराष्ट्र और जम्मू एवं कश्मीर में गेहूं की कोई सरकारी खरीद नहीं हुई है।

बाजार सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में व्यापारी किसानों से लगभग 2500 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर गेहूं खरीद रहे हैं। जबकि चालू सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। गेहूं के एमएसपी के बराबर या इससे बेहतर दाम किसानों को उनके दरवाजे पर मिल रहा है, इसलिए बहुत से किसान सरकारी खरीद से दूरी बनाए हुए हैं। इस साल बंपर उत्पादन के बावजूद सरकारी एजेंसियों को खरीद के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। 

मध्य प्रदेश सरकार गेहूं की खरीद पर 175 रुपये और राजस्थान सरकार 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है। मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास चल रही हैं। जबकि मालवा क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता के गेहूं की कीमतें 2800 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गई हैं। पंजाब में भी निजी क्षेत्र की कंपनियों और कारोबारियों ने गेहूं की खरीद की है। 

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